महाराष्ट्र मोब लिंचिंग- 5 लोगों की हत्या का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

महाराष्ट्र के धुले जिले में बीते दिनों एक जुलाई को बच्चा चोरी के शक में भीड़ द्वारा 5 लोगों की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) टीम ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. बीते एक जुलाई को महाराष्ट्र के धुले जिले में बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा पांच व्यक्तियों की पीट – पीट कर हत्या कर दी गई थी. धुले की घटना में मारे गए साप्ताहिक ग्राम बाजार के लिए आए थे और वह आस-पास घूम रहे थे. उनमें से एक बच्ची से बात कर रहा था कि तभी कुछ लोगों ने उसे अपहरणकर्ता समझ लिया और भीड़ को बुला लिया, जिसके बाद उनके ऊपर बेरहमी से हमला किया गया. ये वारदात धुले जिले के पिम्पलनेर से 25 किलोमीटर दूर जनजाति बहुल गांव रैनपड़ा में हुई थी.

23 लोगों को गिरफ्तार किया था
पुलिस ने दो जुलाई को पांच लोगों की पीट – पीटकर हत्या करने के मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया था. धुले के पुलिस अधीक्षक एम रामकुमार बताया था कि घटना के सिलसिले में हमने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. कुछ और लोगों की पहचान की गई है और उन्हें पकड़ने के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं. आईपीएस अफसर ने बताया कि सभी पांचों की पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है. गंभीर चोटों के कारण जान गंवाने वालों की पहचान भरत शंकर भोसले, दादाराव शंकर भोसले, भरत शंकर मालवे, अगनु इंगोले और राजू भोसले के रूप में हुई.

मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए की घोषणा की थी
इस घटना के एक दिन बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच लाख रुपयए देने की घोषणा की थी. पुलिस की सुस्त कार्रवाई के आरोपों को खारिज करते हुए फडणवीस ने कहा कि इस घटना के बारे में सूचित किए जाने के बाद पुलिस ने तेजी से काम किया. सीएम ने कहा था,” यह एक बहुत ही दर्दनाक घटना है. केवल संदेह के आधार पर पांच लोगों की हत्या कर देना, दुर्भाग्यपूर्ण और क्रूर है. पुलिस ने तेजी से कार्य किया है और लोगों (घटना में शामिल) को गिरफ्तार किया जा रहा है. हम मृतकों के परिजनों को पांच – पांच लाख रुपये का मुआवजा देने जा रहे हैं.”

रोजी – रोटी की तलाश में मारे गए
एसपी एम रामकुमार ने बताया था, सारे मृतक शोलापुर के रहने वाले हैं और एक बंजारा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. अपने जिले में सूखे जैसे हालात के कारण वे रोजी – रोटी की तलाश में आए थे.” गिरफ्तार किए गए लोगों पर आईपीसी की धारा 302 और दंगे फैलाने से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

ये है मामला
पांचों पीड़ितों सहित कुछ अन्य को रैनपड़ा में राज्य परिवहन की एक बस से उतरते देखा गया था। जब उनमें से एक व्यक्ति ने छह साल की एक लड़की से बात करने की कोशिश की तो साप्ताहिक रविवार बाजार के लिए वहां इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने पत्थरों, डंडों और चप्पलों से उनकी पिटाई शुरू कर दी थी. सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई गई थी कि इलाके में ‘‘ बच्चा चोरों का गिरोह सक्रिय है. ( इनपुट- एजेंसी)