हिंदुत्ववादी नेता संभाजी भिड़े इस मामले में दोषी करार, मामला दर्ज करने का आदेश

“भीमा-कोरेगांव हिंसा” के आरोपियों में से एक विवादास्पद हिंदुत्ववादी नेता संभाजी भिड़े को ‘आम से बेटे’ होने की उनकी विवादित टिप्पणी के लिए क़ानून के उल्लंघन का दोषी पाया गया है और नासिक नगर निगम अब उनके ख़िलाफ़ अदालती कार्यवाही की तैयारी कर रहा है.

एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि नासिक नगर निगम (एनएमसी) की एक सलाहकार समिति ने भिड़े को गर्भधारण पूर्व और पूर्व-प्रसव नैदानिक तकनीक (लिंग चयन निषेध) अधिनियम (पीसीपीएनडीटी अधिनियम) का अपने बयान के ज़रिये उल्लंघन का दोषी पाया है.

भिड़े ने पिछले महीने दावा किया था कि उनके बगीचे से आम खाकर कई दंपतियों को बेटे की प्राप्ति हुई.

नासिक में बीते जून महीने में एक सभा को संबोधित करते हुए भिड़े ने कहा था, ‘आम शक्तिशाली और पोषक होते हैं. मेरे बगीचे से जिन महिलाओं ने आम खाए थे उन्होंने बेटों को जन्म दिया.’

संघ के पूर्व कार्यकर्ता के इस बयान की विभिन्न हलकों में आलोचना हुई थी और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक, पुणे ने मामले में शिकायत मिलने के बाद एनएमसी से इस मामले की जांच को कहा था.

एनएमसी के चिकित्सा अधीक्षक जेज़ेड कोठारी ने कहा कि इसके बाद एनएमसी के स्वास्थ्य विभाग के तहत काम करने वाली समिति ने मामले की जांच के बाद बीते शुक्रवार को नगर आयुक्त को मामले में रिपोर्ट सौंपी.

भिड़े को समिति ने एक नोटिस भेजकर मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था लेकिन वह समिति के समक्ष पेश नहीं हुए.

कोठारी ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भिड़े को पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धारा 22 के उल्लंघन का दोषी पाया गया. उन्होंने कहा कि सलाहकार समिति ने अधिनियम के तहत स्थानीय अदालत में भिड़े के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराने का फैसला किया है.

मालूम हो कि 85 वर्षीय संभाजी भिड़े आरएसएस के प्रचारक हैं और इस साल महाराष्ट्र के पुणे में हुई “भीमा-कोरेगांव हिंसा” के आरोपियों में से एक हैं.