पोपुलर फ्रंट ने केरल बाढ़ रिलीफ फण्ड में दिए 25 लाख

पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) ने केंद्र सरकार से केरल बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित क़रने की मांग की है और साथ ही देश के नागरिकों से राज्य के नवनिर्माण में हरसंभव सहायता देने की अपील की है।

केरल की बाढ़ पिछले सौ सालों में अब तक की सबसे विनाशकारी बाढ़ है जिससे राज्य पूरी तरह से तबाह हो गया है। राहत व बचाव कार्यों में लोग लगे हुए हैं, लेकिन अभी भी हज़ारों लोग अपने घरों और इमारतों में किसी राहत व बचाव टीम के इंतज़ार में फंसे हुए हैं।

शुरूआती रिपोर्टों के मुताबिक, 350 से अधिक लोग अपनी जानें गंवा चुके हैं और 6.5 लाख से अधिक लोग रिलीफ कैम्पों में पनाह लेने पर मजबूर हैं। इस बाढ़ से कुल 20,000 करोड़ का नुकसान हुआ है। 13 ज़िलों के हज़ारों लोग इससे प्रभावित हुए हैं।

दुर्भाग्य से राज्य के हालात पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया में काफी बेहिसी नज़र आ रही है। सरकार द्वारा घोषित फण्ड पूरी तरह से नाकाफी है। दक्षिणी राज्यों के प्रति केंद्र सरकार के अंदर सौतेला रवैया नज़र आता है।

हम केंद्र सरकार से इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा क़रार देने और राज्य को कम से कम 2000 करोड़ की तत्काल सहायता देने की मांग करते हैं, जिसकी मांग खुद राज्य सरकार ने की है।

केंद्र व राज्य सरकारें अगर समय पर प्रभावी प्रतिक्रिया दिखातीं, तो मरने वालों की संख्या ज़रूर कम होती और हालात पर पहले ही क़ाबू कर लिया गया होता।
पाॅपुलर फ्रंट के कार्यकताओं और विभिन्न मैदानों से जुड़ी केरल की जनता की कोशिशों की सराहना की है, जिन्होंने राहत व बचाव और पुनर्वास के मिशन में मिसाली रोल अदा किया है।

संगठन के फण्ड से 25 लाख रूपये संगठन की प्रदेश कमेटी के ‘‘केरल बाढ़ रिलीफ फण्ड’’ को दिये गए हैं। देश भर में मौजूद संगठन के सभी सदस्य इस फण्ड में अपनी एक दिन की आमदनी भी देंगे। इसके अलावा पाॅपुलर फ्रंट के सभी सदस्य रिलीफ फण्ड जमा करने के लिए जनता के पास भी जाएंगे।

केंद्रीय सचिवालय की बैठक ने देश के सभी राज्यों की जनता से पाॅपुलर फ्रंट के बाढ़ रिलीफ मिशन में दिल खोल कर अपना योगदान देने की अपील की है। चेयरमैन, ई.अबूबकर ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें महासचिव एम. मुहम्मद अली जिन्ना, ओ.एम.ए. सलाम, अनीस अहमद, अब्दुलवाहिद सेठ, के.एम. शरीफ और ई.एम. अब्दुर्रहमान उपस्थित थे।