नई दिल्ली: असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गगोई ने कहा कि “रोहिंग्या संकट एक मानवीय संकट है और भारत उसे इतनी आसानी से वापस नहीं भेज सकता”।
दि हिन्दू रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ कांग्रेस नेता गगोई ने कहा कि एक देश के रूप में चाहिए कि मानवाधिकारों की चिंता करें, हम उन्हें कैसे वापस वहां भेज सकते हैं जहां से वह उत्पीड़न की वजह से भाग आए हैं।
मंगलवार की दि हिंदू रिपोर्ट के अनुसार असम और मणिपुर में बीजेपी की अगुवाई वाली राज्य सरकारें सीमावर्ती जिलों में विशेषकर पुलिस को बता रही थी कि सीमा पार करने की कोशिश करने वाले को सीमा पार न करने दें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर शरणार्थियों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने तीन बार कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शरणार्थियों को उत्तर-पूर्व में भाजपा की सरकारों द्वारा धार्मिक रूप से बांटा गया है। वे एक ओर तो पॉपुलेशन कंट्रोल करने की बातें करते हैं, वहीं दूसरी ओर यह कहते हैं कि हम हिंदू बांग्लादेशियों का स्वागत करते हैं। अगर यह विचार अल्पसंख्यकों को सताया जाने का स्वागत करना है, तो रोहिंग्या भी इसके लायक़ हैं।