मोदी सरकार के आने के बाद पिछले कुछ समय में भारत में सहिष्णुता बनाम असहिष्णुता का विमर्श काफी तेजी से चल पड़ा है। सहिष्णुता को लेकर एक नए सर्वे का परिणाम सामने आया है। इसके मुताबिक भारत सहिष्णु देशों की लिस्ट में चौथे स्थान पर है। कनाडा, चीन और मलेशिया के बाद भारत का स्थान आता है।
यह सर्वे इस साल के शुरुआत में किया गया है। अध्ययन के लिए 27 देशों में करीब 20 हजार लोगों का इंटरव्यू किया गया। इसमें उन तथ्यों को सामने लाने की कोशिश की गई जो नागरिकों के मुताबिक मतांतर या समाज को बांटते हैं। सर्वे के मुताबिक 63 फीसदी भारतीय अलग-अलग बैकग्राउंड्स, संस्कृति या दृष्टिकोण वाले लोगों के पॉइंट पर भारत को सहिष्णु देश मानते हैं।
सर्वे के मुताबिक भारत में 49 फीसदी लोगों को लगता है कि राजनीतिक विचारों में मतभेद तनाव का का कारण बनते हैं। 48 फीसदी लोग इसके लिए धर्म जबकि 37 फीसदी लोग सामाजिक-आर्थिक गैप को वजह मानते हैं।
सर्वे के मुताबिक 53 फीसदी भारतीयों को लगता है कि दूसरे बैकग्राउंड, संस्कृति या दृष्टिकोण वाले लोगों से मेलजोल पर आपसी समझ और सम्मान की भावना पैदा होती है।