देश में उर्दू बोलने वाले लोगों को है अधिक भाषाओं की जानकारी , हिन्दी और बंगला बोलने वाले काफी पीछे!

भारत में हिंदी और बंगाली बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन यह समूह बहुभाषी होने के मामले में अन्य समूहों की अपेक्षा काफी पीछे है। इनमें ऐसे लोगों का आंकड़ा बेहद कम है जो एक से अधिक भाषाएं जानते हैं। वहीं अगर अल्पसंख्यक समूहों की बात करें तो ऐसी प्रत्येक भाषा बोलने वालों की संख्या 1.5 करोड़ है। वहीं मातृ भाषा के रूप में उर्दू बोलने वालों में 62 फीसदी बहुभाषी हैं। जो एक से अधिक भाषाएं जानतें हैं। ऐसे लोगों में अधिकतम हिंदी बोलना जानते हैं।

बहुभाषी लोगों में पंजाबियों का स्थान भी ऊपर है। इनमें 53 फीसदी लोग बहुभाषी हैं। हाल ही में जारी हुए 2011 के जनगणना आंकड़ों में ये बातें कही गई हैं। आंकड़ों के अनुसार 87 फीसदी पंजाबी द्विभाषिक हैं, जिनमें से 11 फीसदी अंग्रेजी जानते हैं और बाकी हिंदी। अल्पसंख्यक भाषियों में अगर तीन भाषाएं बोलने वालों की बात करें तो पंजाबियों का स्थान सबसे ऊपर है। तीन भाषाएं जानने वाले पंजाबियों में 82 फीसदी अंग्रेजी और 17 फीसदी हिंदी बोलना जानते हैं।

तीसरे सबसे बड़े भाषाई समूह में 83 फीसदी मराठी बोलने वाले हैं, जिनमें 47 फीसदी एक से अधिक भाषाएं बोलते हैं। 47 फीसदी में से अधिकतर (88 फीसदी) दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी बोलते हैं।

हिंदी बोलने वाले 52 करोड़ लोगों में से केवल 12 फीसदी ही द्विभाषिक हैं। इनमें से सबसे बड़ा हिस्सा 3.2 करोड़ का है जो अंग्रेजी बोलना जानता है। वहीं 60.5 लाख लोग ऐसे भी हैं जो मराठी बोलना जानते हैं। यह प्रभाव है उत्तर से महाराष्ट्र की ओर प्रवास करने का। हिंदी बोलने वालों में 79 लाख लोग तीन भाषाएं जानते हैं, जिनमें से 32 लाख लोगों के लिए अंग्रेजी तीसरी भाषा है।

वहीं बंगाली बोलने वाले 9.7 करोड़ लोगों में से केवल 18 फीसदी यानी 1.7 करोड़ लोग दो भाषाएं जानते हैं। ऐसे लोगों में अधिकतर दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी बोलते हैं। जहां उत्तर भारत में दूसरी भाषा के तौर पर लोग हिंदी जानते हैं वहीं दक्षिण भारत में दूसरी भाषा के तौर पर अधिकतर लोग अंग्रेजी जानते हैं।

आंकड़ों से यह बात स्पष्ट है कि अनुसूचित भाषाओं वाले अधिकतर लोग दो या उससे अधिक भाषाएं बोलना जानते हैं। कोंकणी बोलने वाले 82 फीसदी लोग और सिंधी बोलने वाले 79 फीसदी लोग एक से अधिक भाषाएं जानते हैं। वहीं लाहौली बोलने वाले 11,574 लोगों में से 88 फीसदी एक से अधिक भाषाएं बोलते हैं। जिसमें हिंदी का आंकड़ा अधिक है। वहीं इनमें से 41 फीसदी लोग दो से अधिक भाषाएं बोलते हैं।

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साभार- ‘अमर उजाला’