संयुक्त राष्ट्र में भारत का अमेरिका के खिलाफ वोटिंग से ख़ुशी की लहर

यरूशलेम को इजराइल की राजधानी बनाने वाले अमेरिका के फैसले के खिलाफ भारत ने मुहर लगा कर एक फिर साबित कर दिया कि गाँधी का देश है और आज भी गांधवादी विचारधारा पर कायम है।

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भारत सरकार के इस फैसले का भारत खासकर देश मुसलमानों ने गर्मजोशी से स्वागत किया है, और उम्मीद ज़ाहिर की है कि भविष्य में भी भारत सरकार अपने इस रुख पर कायम रहेगी। हालांकि भारत के फैसले से पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई है, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से बार बार यह बात कहने की कोशिश की जा रही थी भारत इजराइल और अमेरिका के रुख के साथ है।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने वह प्रस्ताव मंजूर कर ली है, जिसमें अमेरिका से कहा गया है कि वह यरूशलेम या पूर्वी यरूशलेम को इजराइल की राजधानी स्वीकार करने का ऐलान वापस ले। प्रस्ताव के पक्ष में अमेरिका के रुख के पूरी दुनियां एक प्लेटफार्म पर आ गई जबकि अमेरिका अकेला पड़ गया, 35 ऐसे भी देश थे जिन्होंने गैर हाजिर रहे लेकिन भारत ने अमेरिका के खिलाफ वोट किया। जबकि अमेरिका ने वोटिंग से पहले धमकी भी दी थी कि जिन देशों ने हमारे खिलाफ वोटिंग की हम उनको मदद देना बंद कर देंगे बावजूद इस के सबने अमेरिका के खिलाफ वोटिंग में भाग लिया।

इस सिलसिले में इंकलाब ब्यूरो से बात करते हुए राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि भारत का फिलिस्तीन के संबंध से जो पहले रुख रहा है उस पर वह आज भी कायम है।