“कुलभूषण की तरह भारत को भी छत्तीसगढ़ में पकड़े गये ISI के सदस्यों को फाँसी दे देनी चाहिए”

यह तो मौक़ा भी है दस्तूर भी है ! अभी दो दिनों पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी आई.एस.आई के लिए भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां एकत्र करने के आरोप में बलराम, मनिंदर यादव और संजय देवांगन नाम के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक़ ये तीनों कुछ महीनों पूर्व आई.एस.आई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा के आई.टी सेल के पूर्व अधिकारी ध्रुव सक्सेना के सहयोगी हैं।

इस गिरोह का खुलासा पिछले नवंबर में जम्मू कश्मीर से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस सतविंदर सिंह से पूछताछ से हुआ था। पकड़े गए तीनों आरोपियों ने खुलासा किया है कि प्रदेश में आई.एस.आई का नेटवर्क पिछले तीन सालों से सक्रिय है। इसके पहले फरवरी में मध्य प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में भाजपा के आईटी सेल के पूर्व अधिकारी ध्रुव सक्सेना सहित ग्यारह लोगों गिरफ्तार किया था। इन तमाम पंद्रह लोगों के खिलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज है।

पाकिस्तान में कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा से फजीहत झेल रही भारत सरकार के लिए यह एक बड़ा अवसर है। जिस तरह पाकिस्तान ने भारतीय जासूस कहे जाने वाले कुलभूषण जाधव को तीन महीनों की संक्षिप्त सुनवाई के बाद ही फांसी की सजा सुना दी है, भारत सरकार अगले तीन महीनों में प्राथमिकता के आधार पर ट्रायल कर इन सभी पंद्रह पाकिस्तानी जासूसों को फांसी की सज़ा सुना दे। पाकिस्तान को बिल्कुल उसकी ही भाषा में जवाब देने के दावे करने वाली भारत सरकार के लिए देश और दुनिया के सामने अपनी विश्वसनीयता साबित करने का यह बेहतरीन मौक़ा है। बोलो भारत माता की जय !

(ध्रुव गुप्त की फ़ेसबूक वॉल से साभार)