कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंदापुर के पास कोडी गांव में इस्लामी वास्तुकला से निर्मित बदरिया जुमा मस्जिद पर्यावरण के अनुकूल ‘ग्रीन मस्जिद’ बनाई गई है। इसका निर्माण बेरीज समूह और आईजीबीसी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद बेरी ने अपनी पैतृक भूमि (15,000 वर्गफुट क्षेत्र) पर कराया है जिस पर 2 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
उन्होंने कहा, आज दुनिया में, इस्लाम को गलत नजर से देखा जा रहा है लेकिन यह सही नहीं है। एक प्रतिबद्ध ग्रीन बिल्डिंग डेवलपर होने के नाते मुझे लगा कि मस्जिद इस्लाम के आधुनिक चेहरे और स्थायित्व दोनों का प्रदर्शन करना चाहिए।
यह नमाज का अहम् स्थान बन गया है और हर दिन असंख्य आगंतुकों को आकर्षित करता है जिसमें छात्रों, पर्यटक आदि शामिल होते हैं।
आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन संकट से गुज़र रही है, मस्जिद दर्शाती है कि वैश्विक वार्मिंग को कम करने में टिकाऊ विकास कैसे मदद कर सकता है। यह सभी समुदायों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस्लाम का एक आधुनिक चेहरा भी प्रस्तुत करती है।
उन्होंने कहा, यह एक समकालीन पर्यावरण अनुकूल डिजाइन है। इस पारिस्थितिकी के अनुकूल मस्जिद के निर्माण में तीन साल लग गए जिसमें लगभग 2,000 लोग मस्जिद में एक समय में नमाज अदा कर सकते हैं।
बेरी ने कहा, ‘यह सतत विकास की दिशा में भारत के मार्च में हमारा छोटा योगदान है जिसे विशेष श्रेणी ‘आईजीबीसी ग्रीन प्लेस ऑफ वरशिप’ के तहत प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिला है।
मस्जिद को ‘एल-आकार’ के रूप में डिजाइन किया गया है। मस्जिद की विशेषता यह है कि यह हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा यानी पवन और सौर द्वारा संचालित की जाती है।