मदरसे में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों के बारे में गलत धारणा बनाई गई: जावेद अख्तर

जावेद अख्तर ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक जानकारी साझा की है उनके अनुसार भारत में 4 प्रतिशत मुस्लिम बच्चे ही मदरसा में पढ़ते हैं, लेकिन मदरसे के प्रति लोगों द्वारा बनाने वाली धारणा को देखिये जो काफी खतरनाक है। उन्होने कहा क्या आप उन मुस्लिम बच्चों से जानते हैं जो छात्र हैं और मदरसा में पढ़ते हैं? जावेद अख्तर साहब का मतलब आप साफ समझ गए होंगे हमें उन मदरसा के बच्चों से जरूर मिलना चाहिए की वो कितनी तमीज़ से बात करते हैं और क्या वो आतंकवादी की पढ़ाई कर रहे हैं ऐसा तो बिल्कुल भी नहीं लगता लेकिन उनके पीछे जो धारणा बनाई गई है वो वाकई खतरनाक है।

उन्होने ट्विटर पर कहा की आपको किसी भी मदरसा को भी बंद नहीं करना है। बस इसके पास ही एक नियमित विद्यालय खोलें और मुफ्त शिक्षा और भोजन के साथ मदरस को सबसे गरीब बच्चों को प्रदान करें और आप देखेंगे कि इनमें से अधिकतर बच्चे स्कूल में शामिल होंगे।

किसी आशीष कुमार @ashishkumar9693 ने पूछा सर मुस्लिमों की 20 करोड़ की आबादी में 4 प्रतिशत मतलब 80 लाख! ये तो फिर भी बड़ी संख्या है। जावेद अख्तर साहब ने जवाब दिया की “मुझे नहीं पता था कि भारत की पूरी मुस्लिम आबादी स्कूल जाने वाले बच्चों का है, जिसमें आपने 4% की गणना 80 लाख की है। आशीष, मुझे ईमानदारी से बताओ, क्या आप हमेशा बेवकूफ थे या यह हाल ही में विकास हुआ है।