मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना को लेकर सट्टा बाजार में कुछ रोचक किस्म के आकलन देखने को मिल रहे हैं। वैसे भारतीय राजनीति में किसी राज्य के चुनाव परिणाम के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल काम है। खासतौर पर उस समय जब राज्य में दो दलों के अलावा तीसरा दल भी मुकाबले में हो। कई बार चुनाव विश्लेषकों का आकलन भी गलत साबित हो जाता है। सट्टा बाजार का आकलन भी कई बार गलत साबित हुआ है।
अगर मध्य प्रदेशकी बात करें तो सट्टा बाजार से जुड़े कुछ लोगों ने अपना पहचान का खुलासा करते हुए कहा कि पहले जरूर भाजपा के पक्ष में लहर थी। पर अब कांग्रेस के पक्ष में माहौल बदला है।
वहीं छत्तीसगढ़ में सट्टा बाजार ने भाजपा की जीत के लिए साफ भविष्यवाणी की है। वहीं राजस्थान की बात करें तो पहले कांग्रेस काफी आगे चल रही थी। सट्टा बाजार में अब कांग्रेस की सीटें कम हुई हैं पर अभी वह भाजपा से आगे है और सरकार बनाने की संभावना है। वहीं तेलंगाना के बारे में महाकुटुमी (महागठबंधन) और सत्तारुढ़ टीआरएस के बीच कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है। इन सभी राज्यों के चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को आने वाले हैं।
वैसे सट्टा बाजार का भाव स्थानीय भावनाओं पर निर्भर करता है। यह कई बार मतदाताओं के मनोभाव का प्रतिनिधित्व नहीं करता। राजस्थान के सीकर जिले का एक सट्टा कारोबारी कहते हैं, सट्टा बाजार में अगर किसी पर कम भाव लगे तो यह जीत और ज्यादा भाव लगे तो यह हार के बारे में संकेत देता है। राजस्थान में सीकर, फलौदी और नोखा में सट्टा का बड़ा बाजार है।
मध्य प्रदेश के सटोरियों का कहना है कि राज्य में कांग्रेस ने हाल के कुछ दिनों में लोगों में अपनी छवि बेहतर बनाई है। इसलिए सटोरियों की नजर में भी कांग्रेसी सरकार की प्रायिकता बढ़ गई है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में सटोरिये अलग अलग उम्मीदवारों की जीत हार पर और पूरे राज्य में पार्टी की जीत हार पर सट्टा लगा रहे हैं। सट्टा बाजार के मुताबिक मध्य प्रदेश में कांग्रेस 112 से 116 सीटें जीत सकतीं है कुल 230 सीटों में। वहीं राजस्थान में दो माह पहले कांग्रेस 132-134 सीटें दी जा रही थीं पर अब 118-122 सीटें दी जा रही हैं। छत्तीसगढ़ में जहां मतदान समाप्त हो चुका है भाजपा को 42-43 सीटें और कांग्रेस को 36-37 सीटें तो जोगी कांग्रेस को 7 सीटें मिलने का अनुमान है।