मॉब लिंचिंग मुद्दा संसद में उठाने पर नाराज हुई लोकसभा स्पीकर

नई दिल्ली। मॉब लिंचिंग मामले में मंगलवार को सदन में गृह मंत्री के आश्वासन और बयान के बाद भी यह मुद्दा उठाने को लेकर विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब गृह मंत्री ने इस मामले में समिति गठित करने के साथ विस्तृत बयान दिया है, ऐसे में हर चीज का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है।

विपक्षी सदस्य शून्यकाल में मॉब लिंचिंग का विषय उठाने की मांग कर रहे हैं। अध्यक्ष महाजन ने तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को बात रखने की अनुमति दी।

इसके बाद कांग्रेस, माकपा समेत कई अन्य दल इस विषय को उठाने की मांग करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर सदस्य फिर भी इस विषय को उठाना चाहते हैं एक बार सभी लोग बोल लें और फिर वह गृह मंत्री से फिर कहेंगी कि वह बयान दें।

इससे पहले प्रश्नकाल समाप्त होते ही सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे आसन के समीप आकर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का मुद्दा उठाने की अनुमति मांगने लगे।

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी अपने स्थान से उठकर अपने नेता सुदीप बंदोपाध्याय को लिंचिंग के विषय पर बोलने देने की इजाजत मांग रहे थे। स्पीकर ने कहा कि शून्यकाल में सभी को बोलने का अवसर दिया जाएगा लेकिन सदस्यों को पहले अपने स्थान पर जाना होगा।

वामदलों के सदस्य अपने स्थानों पर हाथों में पोस्टर लेकर खड़े थे जिनमें लिखा था ‘‘त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में वामपंथी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले बंद हों।’’ शून्यकाल में सभी सदस्यों को भीड़ हत्या के विषय पर बोलने की अनुमति देने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों के हंगामे पर नाराजगी जताई। ’