“उलेमा टीवी चैनल की डिबेट में शामिल होने से परहेज़ करें”

रामपूर: टीवी चैनलों पर डिबेट में उलेमा ए किराम पर बदतमीजी और मारपीट किये जाने पर इस्लाह मुआशरा के कन्वेनर हाफिज मोहम्मद जमील की निमंत्रन पर मदरसा जामिया अल मुआरिफ टांडा में उलेमा ए टांडा की एक बैठक हुई। जिसमें डिबेट में उलेमा ए किराम की शामिल होने के संबंध में बातचीत हुई, और टीवी डिबेट में उलेमा ए किराम को शामिल होने से परहेज़ करने की अपील की गई।

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उलेमा ए किराम ने कहा कि इस्लाम एक सार्वभौमिक और हर दौर के तकाजों से सौहार्द धर्म है। इबादत, सामजिक, मामले, व्यक्तिगत और संयुक्त जरूरतों को पूरा करने में इस्लाम धर्म की कोई मिसाल नहीं है। शरियते इस्लामिया का हर आदेश हर तरह के शंकाओं से उपर है।

प्राचीन में खुद कुरान और बाद की पन्द्रह शतक में इस्लाम धर्म के मानने वाले यह दावा करते रहे हैं। हर दौर में हमेशा हालात की कसोटी पर यह धर्म खरा उतरा है। इंसाफपसंद लोगों ने उसका इज़हार भी किया है।