भारतीय राजनीति में ऐसे कम ही लोग होंगे जो अपनी कही बात को खुद पर पहले लागू करके समाज के सामने मिसाल कायम करें। भाजपा सांसद वरूण गांधी का नाम उन चुनिंदा राजनेताओं में आता है, जो अमीर सांसदों से गरीब जनता के हित के लिए अपना वेतन छोड़ने की अपील करते दिखाई देते हैं।
ऐसा नहीं है कि वो इस सलाह को सिर्फ दूसरों तक ही सीमीत रखते हैं, बल्कि वो खुद पिछले 9 सालों से एक सांसद के रूप में मिलने वाले वेतन को अपने पास रखने के बजाय जरूरतमंदों की सहायता के लिए दान दे देते हैं।
वरुण इस वक्त उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर सीट से सांसद हैं और वो अकसर संसद सहित अन्य कई मंचों से जनहित मुद्दे पर चर्चा ना होने और सांसदों के वेतन व भत्ते में होने वाले इजाफे पर अपनी चिंता व्यक्त करते रहते हैं।
उन्होंने इस साल की शुरूआत में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से यह अपील की थी वो सांसद जो आर्थिक रूप से आर्थिक रूप से सम्पन्न हैं वो जनहित के लिए अपना वेतन छोड़े लेकिन उनकी इस अपील का सांसदों में व्यापक असर देखने को नहीं मिला था।
लेकिन वरुण गांधी ने अपनी जनहित मुहिम को जारी रखते हुए बतौर सांसद अपनी सैलरी को जनहित को कामों में लगाने में भी संकोच नहीं किया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वह पिछले 9 सालों से बतौर सांसद मिलने वाले वेतन को अपने ऊपर ना इस्तेमाल करने के बजाए, पूरी रकम गरीबों में दान कर देते हैं।
हाल ही में उन्होंने रामजी गुप्ता नाम के शख्स को ढाई लाख रूपये देकर मदद की थी। रामजी गुप्ता ने सांसद से अपने पिता के कैंसर की बीमारी का जिक्र करते हुए इलाज के लिए कुछ पैंसे की मांग की थी, जिसके बाद वरुण ने रामजी को ढाई लाख रुपये का चैक जारी कर दिया।