केंद्र सरकार ने भारतीय सेना के लिए 4168 करोड़ रुपए की लागत से छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह हेलीकॉप्टर एक मिनट में 128 लक्ष्यों को ट्रैक कर निशाना साधने में सक्षम है। इसमें गनशिप के साथ भारी मात्रा में हथियार ले जाने की क्षमता भी है।
खबरों के मुताबिक रक्षा मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में यह मंजूरी दी गई। डीएसी ने नौसेना के जहाजों के लिए 490 करोड़ रुपये की लागत से दो गैस टर्बाइन इंजन खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की।
ग़ौरतलब है कि भारत ने 2015 में भी 22 अपाचे हेलीकॉप्टर और 15 चिनूक भारी हेलीकॉप्टरों की खरीद का तीन अरब डॉलर में सौदा किया था। बोइंग इन हेलीकॉप्टरों और उसके उपकरणों का निर्माण करती है। सेना लंबे समय से इन हेलीकॉप्टरों की मांग कर रही थी, लेकिन वायुसेना को इस पर आपत्ति थी।
हालांकि छह अपाचे की खरीद सेना की मांग से काफी कम है, उसने 39 ऐसे हेलीकॉप्टरों की मांग की थी। रिटायर्ड ब्रिगेडियर गुरमीत कंवल ने कहा कि जमीनी फौज की मदद के लिए अगर सेना को ऐसी लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिलते हैं तो यह बेहतर कदम है। बोइंग दुनिया भर में ऐसे 2200 हेलीकॉप्टर बेच चुकी है। उसने अपने ही देश की सरकार से भी 268 हेलीकॉप्टरों का सौदा किया है।