मोब लिंचिंग ट्रेंड की वजह से मेरी जान को ख़तरा, भारत नहीं आ सकता- मेहुल चौकसी

मुंबई। पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी ने अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वॉरंट (एनबीडब्ल्यू) को रद्द करने के लिए एक विशेष अदालत में अपील की। चौकसी पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी हैं।

उनके खिलाफ गैर जमानती वारंटों को रद्द करने की मांग करते हुए फरार आरोपी मेहुल ने भारत में मोब लिंचिंग का हवाला दिया है और कहा कि उनके जीवन के लिए खतरा है जिसके कारण वह भारत यात्रा नहीं कर सकते हैं। देश में भीड़ के हमलों की हालिया प्रवृत्ति बढ़ रही है और भीड़ द्वारा सड़क पर न्याय देने का प्रयास चल रहा है।

चौकसी के वकील संजय अबाट ने विशेष सीबीआई अदालत के न्यायमूर्ति जे सी जगदाले के सामने यह अपील दायर की। अपनी अपील में चौकसी ने दावा किया कि अपने स्वास्थ्य की वजह से वह यात्रा करने की स्थिति में नहीं हैं। चोकसी ने दावा किया है कि उनके मामले में उनके भतीजे नीरव मोदी से पूरी तरह से अलग हैं जबकि उनकी प्रमुख कंपनियों के आभूषण संलग्न किए गए थे।

इस बीच, मामले में एक और आरोपी मनीष बोसमीया ने इस आधार पर जमानत के लिए आवेदन किया है कि सीबीआई ने उन्हें आरोपी के रूप में गिरफ्तार कर लिया है, जबकि ईडी ने उन्हें अभियोजन पक्ष की शिकायत में गवाह के रूप में नामित किया है।

चौकसी ने कहा कि उसने कभी जांच से बचने का प्रयास नहीं किया और जांच एजेंसियों की ओर मिले सभी पत्राचार का जवाब दिया है। चौकसी ने कहा कि उसका मामला नीरव मोदी से बिल्कुल अलग है।

चोकसी ने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के खिलाफ सीबीआई की पहली प्राथमिकी के आधार पर उसकी संपत्तियों को कुर्क किया, जबकि उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं था।

सुनवाई के बाद अदालत ने सीबीआई से इसपर अपना जवाब देने को कहा। इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 11 जुलाई तय की गई है। विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले महीने पीएनबी घोटाले में दायर दूसरे आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए चौकसी के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया था।