रियाद : भारतीय अभियंता फोरम (IEF) रियाद अध्याय ने महान इंजीनियर सर एम. विश्वेश्वरा के जन्मदिन पर भारत के एक शानदार इंजीनियर और पुत्र को श्रद्धांजलि अर्पित की। ये श्र्द्धांजलि रियाद में रह रहे भारतीय इंजीनियरों ने आयोजित किया था।
भारतरत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया एक प्रख्यात इंजीनियर और राजनेता थे। उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत के निर्माण में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें साल 1955 में देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया था।
भारत में उनका जन्मदिन अभियन्ता दिवस या इंजीनियर्स डे के रूप में मनाया जाता है। जनता की सेवा के लिए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें ‘नाइट कमांडर ऑफ़ द ब्रिटिश इंडियन एम्पायर’ से सम्मानित किया। वो हैदराबाद शहर के बाढ़ सुरक्षा प्रणाली के मुख्य डिज़ाइनर थे और मुख्य अभियंता के तौर पर मैसूर के कृष्ण सागर बाँध के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई थी।
उन्होंने मूसा व इसा नामक दो नदियों के पानी को बांधने के लिए भी योजना बनायीं थी। इसके बाद उन्हें साल 1909 में मैसूर राज्य का मुख्य अभियन्ता नियुक्त किया गया। वो मैसूर राज्य में आधारभूत समस्याओं जैसे अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी, बीमारी आदि को लेकर भी चिंतित थे। इन समस्याओं से निपटने के लिए उन्होंने ‘इकॉनमिक कॉन्फ्रेंस’ के गठन का सुझाव दिया। इसके बाद उन्होंने मैसूर के कृष्ण राजसागर बांध का निर्माण कराया। मैसूर राज्य में उनके योगदान को देखते हुए मैसूर के महाराजा ने उन्हें साल 1912 में राज्य का दीवान यानी मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया।
कार्यकर्म में सऊदी परिषद के इंजीनियरों के महासचिव सुलेमान आई.अलामुद ने कहा कि “भारतीय इंजीनियरों की अच्छी प्रतिष्ठा है और उनमें से कुछ सऊदी अरब में अग्रणी कंपनियों के लिए काम करते हैं सऊदी परिषद के इंजीनियर्स ने आईईएफ के साथ अच्छे संबंध स्थापित किए हैं। “उन्होंने यह भी घोषणा की कि एससीई जल्द ही पेशेवर अभियंताओं के अभ्यास के बारे में नए कानून लागू करेगा और उन्हें उम्मीद थी कि आईईएफ एसईसी के साथ सहयोग करके एक बड़ी मदद होगी।
इतना ही नहीं राजदूत ने कहा, “भारत और सऊदी अरब सदी पुराने आर्थिक और सामाजिक सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंधों हमेशा से रहे हैं। 3 मिलियन से अधिक भारतीयों की ताकत राज्य में सबसे बड़े प्रवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है। भारतीयों की बढ़ती संख्या भारत और सऊदी अरब के बीच मौजूद अच्छे संबंध का एक संकेत है। इतना ही नहीं भारतीय राज्य में काम कर रहे अच्छे काम का एक जीता जगता उदहारण है।”
कार्यक्रम के दौरान ये भी कहा गया भारतीय इंजीनियर सऊदी अरब में कुल 11% इंजीनियरिंग बल का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिनमें कई संख्या 29,342 है। इसके बाद 10,476, यांत्रिक इंजीनियर्स 7,726, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स 6,006, सिविल इंजीनियर्स और 5,134 इलेक्ट्रॉनिक और संचार इंजीनियर्स शामिल हैं।
उन्होंने आगे भारतीय इंजीनियर्स फोरम को भविष्य के आयोजन और बातचीत के लिए रियाद चैंबर के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया।