अमेरिका में एक भारतीय मूल के सीईओ के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार किया गया। इस दुर्व्यवहार की वजह उनके उस लेख को बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह चार्ल्सटिसविल में हिंसा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक एजेंडे का बचाव नहीं करेंगे।
जीएमएम नॉनस्टिक कोटिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रवीन गांधी ने सीएनबीसी के लेख में कहा था, “मैंने हाल ही में न्यू यॉर्क टाइम्स को बताया था कि मैं ट्रंप के आर्थिक एजेंडे के कुछ पहलुओं की जड़ खोज रहा हूं।”
उन्होंने कहा, “चार्ल्सटिसविल के बाद, मैं ट्रंप का बचाव नहीं करूंगा, भले ही डॉव 50,000 हो जाए, बेरोजगारी 1 प्रतिशत हो, और जीडीपी 7% बढ़ी हो। कुछ मुद्दे अर्थशास्त्र से ऊपर होते हैं और मैं एक ऐसे राष्ट्रपति का समर्थन नहीं करूंगा जो उन अमरीकियों से नफरत करता है जो उनके जैसा नहीं दिखता।
उनके इस विरोध के चलते उनपर नस्लादी हमले हुए। गांधी ने गुरुवार को एक यू ट्यूब पर एक महिला के वॉय्स मेल को पोस्ट किया है, जिसमें उन्हें भारतीय सुअर कहकर गंदी गालियां दी गई हैं।
कथित ट्रंप समर्थक ने आगे गालियां देते हुए कहा, “अपने कचरे को उठाओ और भारत वापस चले जाओ और इसे वहां जाकर बेचो।”
इसके साथ ही महिला ने संयुक्त राष्ट्र की राजदूत निकी हैली को “बांग्लादेशी कीड़ा” बताया और कहा कि वे बौद्ध मूर्तियों को उतारना शुरू करेंगे।
इस ऑडियो को अब तक 7000 से ज़्यादा लोग देख चुके हैं, एक यूज़र ने कहा कि भारत कभी बौद्ध बहुसंख्यक देश नहीं रहा, फिर जातिवादी लोग अपनी अज्ञानता क्यों साबित करते हैं?
गांधी ने शिकागो ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा कि यह दुख की बात यह है कि अमेरिका में जातिवादियों का एक समूह उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक मानता है।
चार्ल्सटिसविल हिंसा के बाद से राष्ट्रपति ट्रंप की चौतरफा आलोचना हो रही है। एक रिपोर्ट की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में नस्लवादी हमलों में बढ़ौतरी हुई है।