…तो अब अमेरिका में भारत के स्टील का इस्तेमाल नहीं होगा!

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से 9 डेमोक्रेटिक सांसदों ने भारत और इटली की स्टील का इस्तेमाल ना होने देने के अपील की है।

सांसदों ने अरबों रूपये की विवादित ‘ट्रांस नेशनल कीस्टोन ऑयल पाइपलाइन परियोजना’ के सन्दर्भ में बात करते हुए राष्ट्रपति से कीस्टोन परियोजना में विदेशी ख़ासकर भारत और इटली की स्टील का इस्तेमाल न करने को कहा है।

ट्रंप को भेजे गए संयुक्त पत्र में सांसदों ने लिखा, ‘आपका मेमोरैंडम खासतौर पर नए और विस्तृत की गई पाइपलाइन परियोजनाओं की बात करता है। ऐसे में हम काफी उलझन में हैं। हमें यह जानकर बहुत निराशा हुई है कि कीस्टोन एक्सएल पाइपलाइन परियोजना में इस्तेमाल होने वाला पूरा स्टील अमेरिका का नहीं होगा।’

इस पत्र की एक प्रति मीडिया में छपी है। पत्र में आगे कहा गया है, ‘हमें इस बात से भी बहुत परेशान हैं कि कनाडा की इस कंपनी को भारत और इटली जैसे देशों से स्टील मंगवाने की इजाजत देकर आप एक ऐसी प्रथा बना रहे हैं जिसका असर अमेरिकी लोगों के रोजगार पर पड़ेगा।भारत और इटली जैसे देशों का इतिहास रहा है कि वे अवैध और गैरकानूनी कीमतों पर अमेरिका में अपने स्टील उत्पादों को बेचते हैं।’

डेमोक्रेटिक संसद क्रिस वैन होलेन और टेमी डकवर्थ ने ट्रंप को यह पत्र लिखकर कहा कि वह इस परियोजना में पूरी तरह से अमेरिका में उत्पादित स्टील का ही इस्तेमाल करें। पत्र में कहा गया है कि अगर ट्रंप ऐसा नहीं करते हैं तो यह ‘अमेरिका फर्स्ट’ के उनके वादे का उल्लंघन होगा।

बता दें कि 24 जनवरी को ट्रंप ने एक मेमौरेंडम जारी किया था। इसमें कहा गया था कि अमेरिकी सीमा के अंदर सभी नए पाइपलाइन्स के निर्माण, मरम्मत, प्रबंधन में हर संभव स्तर तक अमेरिकी उत्पादों का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रंप की इस नई नीति से कीस्टोन पाइपलाइन परियोजना को छूट दी गई थी।

अब इन सांसदों ने ट्रंप से अपील की है कि वे अपने फैसले पर विचार करें और इस परियोजना में भी ‘बाय अमेरिकन’ नीति का पालन करें।