रमज़ान पर इंटरनेश्नल शोध, डायबिटिक और दिल के मरीज़ रोज़ेदार ज़रूर पढ़ें

रमज़ान में कभी गर्मी तो कभी सुहाने होते बदलते मौसम के बीच अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘एपेडेमॉलॉजी ऑफ डायबिटीज ने 13 देशों के रोज़ेदारों पर एक रिसर्च किया है।

पहली बार एशियाई देशों के लिए रमज़ान में फूड गाइडलाईन जारी करने वाली इस संस्था ने जो रिपोर्ट निकाली है उसके मुताबिक़, डायबिटीज और दिल के मरीज़ रोज़ेदारों के लिए सहरी और इफ़्तार के समय चाय कॉफी से ज़्यादा ज़रूरी पानी पीना है।

रिसर्च में यह भी पाया गया कि रमज़ान के दौरान टाईप –वन और टाईप –टू डायबिटीज के रोज़ेदारों में शर्करा स्तर अनियंत्रित हो गया, जिसके कारण उनमें ह्रदयघात का ख़तरा बढ़ गया।

संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इफ़्तार में खजूर का सीमित प्रयोग शरीर में फाइबर की कमी को पूरा कर सकता है।

इसके साथ ही कार्बोहाईट्रेड व वसा से भरपूर आहार जैसे बर्फी व जलेबी आदि के अधिक सेवन से बचना चाहिए। डायबिटीज से ग्रस्त रोज़ेदार शुगर फ्री बर्फी व फाईबर के लिए सब्ज़ियां व फल ले सकते हैं।

सहरी में संस्था ने स्टार्च युक्त कार्बोहाईड्रेट जैसे चावल, चपाती साबुत अनाज की ब्रेड, मसूर की दाल, दलिया, जई का सेवन करने को कहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ चीज़ें धीरे-धीरे शर्करा उत्सर्जित करती है, जो लंबे समय तक शर्करा के स्तर को बनाए रखने में सहायता कर सकते हैं और इनसे भूख भी कम लगती है।