गोरखपुर मामला: योगी सरकार का सामने आया सच, जांच समिति ने पेश की रिपोर्ट

यूपी में गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (बीआरडी) में 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में माना कि इन बच्चों की मौत उनके वार्ड में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने की वजह से हुई थी. ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

साथ ही इसमें ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी को पेमेंट न होने के पीछे वित्तीय अनियमितता करने की मंशा का भी जिक्र किया गया है.

दो पन्नों की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को पैसे देने के लिए अस्पताल के अकाउंट में पांच अगस्त को रकम जमा करा दी गई. इसके बावजूद अस्पताल के छह कर्मचारियों की लापरवाही के चलते इस रकम को भेजने में देरी हुई.

जबकि इन अधिकारियों को पहले पता था कि पेमेंट में लापरवाही बरतने पर गंभीर नतीजे हो सकते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव मिश्रा, एचओडी एनेस्थीसिया डॉक्टर सतीश, चीफ फार्मासिस्ट गजानन अग्रवाल का कामकाज असंतुष्ट पाया गया.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले यूपी सरकार ने इस मामले में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया था. साथ ही इंसेफ्लाइटिस वॉर्ड प्रभारी डॉक्टर कफील को हटा दिया गया था.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह व चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को त्रासदी के लिए जिम्मेदार किसी को भी न बख्शने का निर्देश दिया था.