दहेज उत्पीड़न मामले में अब पति या ससुराल वालों की तुरंत गिरफ़्तारी नहीं होगी: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. दहेज प्रताड़ना की धारा के गलत इस्तेमाल को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी किये हैं। जिसके तहत दहेज प्रताड़ना के मामले में तुरंत पति या ससुराल पक्ष के लोगों की गिरफ्तारी नहीं होगी। कोर्ट ने हर जिले में एक फैमिली वेलफेयर सोसाइटी बनाने के निर्देश दिए हैं।

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कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक सोसाइटी में सोशल वर्कर्स, लीगल वॉलंटियर्स, ऑफिसर्स, रिटायर्ड ऑफिसर्स की बीवियां शामिल हो सकती हैं, और वह लोग भी शामिल हो सकते हैं जिनको यह काम करने में दिलचस्पी हो। जबकि फैमिली वेलफेयर सोसायटी में शामिल सदस्य गवाह नहीं बन सकते, सोसायटी की रिपोर्ट पर ही आरोपियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

यह कमेटी लीगल सर्विस अथारिटी को बनानी चाहिए और कमेटी में तीन सदस्य होने चाहिए। समय-समय पर डिस्ट्रिक्ट जज को कमेटी के कामों का रिव्यू करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी कोशिश करने की जरूरत है कि समझौता होने पर मामला हाईकोर्ट में न जाए, बल्कि बाहर ही दोनों पक्षों में समझौता करा दिया जाए।