शरीयत में दखलंदाजी कुबूल नहीं, सामाजिक खामियों को हम खुद दूर करेंगे: जमीअत

लखनऊ: जमीअत उलेमा ए उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद मतीनुल हक ओसामा कासमी ने संगठन के ज़िम्मेदारों व कार्यकर्ताओं की कि वह सहाबा ए किराम रज़ि को अपना आइडियल बनाएं और उनकियो सीरत और राजनितिक तरीके को अपनाएं।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

मौलाना ओसामा कासमी ने यहाँ मदरसा तालीमुल कुरान बड़ी मस्जिद पुलिस चौकी ऐश बाग़ में आयोजित जमीअत उलेम यूपी के बैठक में यह सारी बातें कहीं। बैठक में 10 मार्च को लखनऊ में होने वाले जमीअत की बैठक को कामियाब बनाने और जमीअत उलेमा ए हिन्द की दीनी शिक्षा की जागरूकता अभियान और ज़्यादा से ज़्यादा मकतबों की स्थापना, देश के सिविल कानून, सामाजिक सुधार, संविधान, सेकुलरिज्म और लोकतांत्रिक वयवस्था और राष्ट्रीय एकता को मज़बूत करने, दलित मुस्लिम एकता को शहर शहर गली गली पहुँचाने जैसे मुद्दे पर गौर व फ़िक्र किया।

मौलाना ओसामा कासमी ने कहा कि जमीअत उलेमा ए हिन्द इमानी गैरत रखने वालों की जमात है, जो शरियत में किसी तरह की दखलंदाजी या कमी बेशी को बर्दाश्त नहीं कर सकते। मौलाना ने कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर कानून बनाने के तहत शरीअत में दखलंदाजी का जो दरवाज़ा खोला जा रहा है वह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर भी सामाजिक खामियां हैं लेकिन उन खामियों को हम खुद दूर करेंगे।