नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केरल में अंतरधर्म विवाह के एक मामले में राज्य सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब तलब किया है। चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ की बेंच ने धर्म बदलकर शादी रचाने वाली लड़की के मुस्लिम पति की याचिका पर सुनवाई के दौरान एनआईए, केरल सरकार और लड़की के पिता को नोटिस जारी किए और एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
अदालत ने मामले को संवेदनशील बताते हुए लड़की के पिता को इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेज एक सप्ताह के अंदर पेश करने की हिदायत दी है और कहा है कि जब भी जरूरत होगी लड़की को 24 घंटे में अदालत में पेश होना होगा। मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह होगी।
गौरतलब है कि मामला प्रेम विवाह का है और लड़की के घरवाले इस शादी के लिए शुरू से ही विरोध करते आ रहे थे। लड़की के पिता ने केरल हाईकोर्ट में धर्मांतरण और शादी को समाप्त करने के लिए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के दो सदस्यीय पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा था कि शादी लड़की के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है और उसे अपने माता-पिता की सलाह लेनी चाहिए था।
अदालत ने कहा था कि कथित शादी बकवास है, इसकी कानून की नजर में कोई महत्व नहीं है। लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में यह आरोप भी लगाया था कि मुस्लिम लड़के ने सोची-समझी साजिश के तहत आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल करने के लिए उनकी बेटी का पहले धर्म बदलवाया और फिर झूठी प्यार का ढोंग करके शादी रचा ली।
लड़के ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसने अपनी याचिका में कहा है कि हाई कोर्ट को किसी भी शादी को अस्वीकार करने का अधिकार नहीं है। खास तौर पर तब जब लड़का-लड़की दोनों पढ़े लिखे और समझदार हों और उनकी मानसिक स्थिति भी ठीक हो। इस तरह की बंदिश से भारतीय महिलाओं की स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में हिंदू लड़की से हुई इस शादी को रद्द कर दिया था।