‘इमाम बरकती’ जैसे लोग भाड़े पर मिलते हैं: मोहम्मद सलीम

अब्दुल हमीद अंसारी, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आरएसएस और बीजेपी की बढ़ती ताकत से यहां की समाजिक शांति और हिंदू-मुस्लिम भाईचारे पर जबर्दस्त असर पड़ा है। धर्म के नाम पर राजनीति करने की वजह से पिछले कुछ दिनों में लगातार माहौल खराब हुए हैं।

इन हालात पर सियासत हिंदी ने सीपीएम के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सासंद मोहम्मद सलीम से बातचीत की है।

पश्चिम बंगाल में मौजूदा सियासी हालात पर अपनी बात को रखते हुए मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘लोगों द्वारा यह सवाल किये जाना कि क्या माहौल बिगड़ने लगे हैं, यह खुद में एक सबूत हैं कि हालात बदले हैं। धार्मिक कट्टरता की राजनीति तेज़ी से आकार ले रही है जोकि प्रजातांत्रिक व्यवस्था के लिए कहीं से भी ठीक नहीं है।

सियासत हिंदी ने जब सवाल किया कि इस तरह की घटनाओं पर आपकी पार्टी की क्या रणनीति होगी, उन्होंने कहा कि हम लगातार इन घटनाओं पर नज़र बनाए हुए हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर हमारे नेता उन इलाकों में जाकर दोनों समुदायों के बीच शांति बनाए रखने की अपील कर रही है।

मोहम्मद सलीम ने कहा कि शांति का माहौल बनाए रखने के लिए दोनों तरफ से लोगों को एक साथ लाना जरूरी है जो कि हम कर रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने इमाम बरकती पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह के लोग भाड़े पर मिलते हैं। ऐसे लोग माहौल खराब करने के लिए तैयार रहते हैं, एक हाथ से ताली बजाए नहीं जा सकते हैं, इसलिए इमाम बरकती बीजेपी और आरएसएस के साथ मिलकर ताली बजा रहे हैं।

इस तरह के बयानों ने समाजिक माहौल को हमेशा से बिगड़ने का प्रयास किया है।

मोहम्मद सलीम ने ममता बनर्जी की सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ममता सरकार के दौड़ में धार्मिक कट्टरता बढ़ी है। माहौल बिगड़े हैं जिसे संभालने में ममता सरकार नाकाम रही हैं।