टीम इंडिया के कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी को जस्टिस मुद्गल कमेटी की जांच में झूठ बोलने के सबब पेरशानी झेलनी पड सकती है। धोनी ने मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट के बर अक्स मयप्पन पर अपनी राय देकर जांच रिपोर्ट पर सवाल खडे कर दिए है। रिपोर्ट के मुताबिक तफतीशकारों ने तस्दीक की है कि मयप्पन चेन्नई टीम का आफीसर था, जबकि धोनी ने जांच के दौरान तफतीशकारों से कहा था कि साबिक बीसीसीआई सदर श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन चेन्नई टीम के ओहदेदार नहीं थे।
मयप्पन सिर्फ केवल एक क्रिकेट पुर सितार हैं और चेन्नई सुपर किंग्स टीम की ताईद करते है। धोनी ने इस बात की तस्दीक की है कि बीसीसीआई के जलावतन (Exiled) सदर एन श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन सीएसके के आफीसर नहीं है और महज एक पुरसितार ही हैै।
धोनी के अलावा कमेटी के सामने पेश हुए इंडिया सीमेन्टस के आफीसरो ने भी बताया कि मयप्पन का इंडिया सीमेंट्स में कोई शेयर नहीं है और इसलिए उन्हें सीएसके का मालिक भी नहीं समझा जा सकता है।
कमेटी ने कल अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मयप्पन होटल के कमरे में सट्टेबाजों से मिले थे लेकिन फिक्सिंग में उनके शामिल होने को लेकर कोई सबूत नहीं मिला था। इसके साथ ही कमेटी ने मयप्पन पर सीएसके टीम के इख्तेयारात होने का भी इल्ज़ाम लगाया था।