आईपीएस एसोसिएशन ने पुलिस अधिकारी की अयोध्या पर टिप्पणी से खुद को अलग किया

आईपीएस एसोसिएशन ने डीजी होमगार्ड सूर्य कुमार शुक्ला के राम मंदिर विवाद से जुड़े मामले को लेकर उठ रहे सवालों से खुद को अलग कर लिया है। केंद्रीय आईपीएस एसोसिएशन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैडल पर लिखा है कि हम वरिष्ठ आईएएस अफसर के वीडियो में देखें गए कृत्य से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। डॉ.सूर्य कुमार शुक्ला 1982 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। डॉ. शुक्ला इसी वर्ष अगस्त में सेवानिवृत हो रहे हैं।

कार्यक्रम के दौरान राममंदिर निर्माण की शपथ ली गई थी। वायरल हुए वीडियो में डीजी होमगार्ड्स भी अन्य लोगों के साथ शपथ लेते नजर आ रहे हैं। सूर्य कुमार शुक्ला ने कहा कि आज के कार्यक्रम के दौरान हम सब यह संकल्प लेते हैं कि जल्द से जल्द राम मंदिर का भव्य निर्माण हो, जय श्रीराम।

आइपीएस एसोसिएशन (सेंट्रल) ने ट्वीट कर साफ किया है कि वीडियो में दिखाए गए वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी के कृत्य से उसका कोई लेना-देना नहीं है। एसोसिएशन का कहना है कि यह कृत्य तटस्थता, स्वच्छ आचरण व ईमानदारी की उन भावनाओं के प्रतिकूल है, जिनके लिए आइपीएस एसोसिएशन जानी जाती है। यूपी आईपीएस एसोसिएशन ने भी ट्वीट कर इसे निंदनीय कहा है।

राम मंदिर का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है। साथ ही राजनीतिक और सांप्रदायिक तौर पर भी ये मामला काफी संवेदनशील है। राज्य सरकार कासगंज में सांप्रदायिक दंगों को नियंत्रित करने में विफल रही है जहां एक 22 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी।

लखनऊ विश्वविद्यालय में 28 जनवरी को अखिल भारतीय समग्र विचार मंच व मुस्लिम कारसेवक मंच ने मिलकर राम मंदिर निर्माण समस्या व समाधान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया था।