विवादित IPS को नितीश कुमार ने बनाया बिहार का नया डीजीपी, भागलपुर दंगों से जुड़ा है नाम

पटना। बिहार में नए डीजीपी की तलाश पिछले कई महीनों से की जा रही थी। वर्तमान डीजीपी पीके ठाकुर का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इस पद के लिए कई अधिकारियों के नाम रेस में थे।

लेकिन नीतीश सरकार ने अंतिम मुहर 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी के एस द्विवेदी पर लगाया है। द्विवेदी यूपी के जालौन के रहने वाले हैं। बिहार सरकार आज ही इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। एस के द्विवेदी 2019 तक बिहार के डीजीपी रहेंगे। बता दें की इस खबर के प्रकाश में आते ही विवादों का दौर भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि भागलपुर दंगा और केएस दि्वेदी का गहरा संबंध रहा है। कारवां मैगजीन में  दावा किया जा रहा है कि दंगे के बाद बचे हुए लोगों ने केएस दि्वेदी पर आरोप लगाया था कि भागलपुर के तत्कालीन वरिष्ठ अधीक्षक (एसएसपी) केएस द्विवेदी ने दंगों में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई थी।

कानून और व्यवस्था के प्रभारी शीर्ष अधिकारी के रूप में, वह न केवल दंगों को रोकने के अपने कर्तव्य में असफल रहे, बल्कि मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए अपने बल को निर्देश भी जारी कर दिए। कहा जा रहा है कि यह आरोप सिर्फ  इन लोगों का नहीं है बल्कि सरकारी आयोग की जांच (सीओआई) ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में द्विवेदी को भी नरसंहार के लिए “पूरी तरह से जिम्मेदार” बताया और मुसलमानों के खिलाफ “सांप्रदायिक पक्षपात” करने का जिम्मेदार ठहराया।

गौरतलब है कि इस रेस में करीब दर्जन भर अधिकारियों के नाम थे। जिसमें बिहार सुनील कुमार, रविंद्र कुमार, आरके वर्मा का नाम प्रमुख था। लेकिन नीतीश कुमार ने के एस द्विवेदी के नाम पर मुहर लगा कर नया विवाद पैदा का दिया है  ।