अमरीका से परमाणु डील रद्द होने का असर दिखना शुरू हो गया है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान परमाणु डील से हटने के तुरंत बाद इसराईल ने सीरिया स्थित ईरान के सैन्य कैंप पर मिसाइल हमला बोल दिया। इस हमले में 9 ईरानी सैनिक मारे गए।
एक दिन पहले इसराईल ने कहा था कि अगर सीरिया ने ईरान को अपनी जमीं से इसराईल पर हमला करने दिया तो असद की सत्ता को खत्म कर देंगे। दुनिया की महाशक्तियों के बीच युद्ध का मैदान बन चुके सीरिया में इसराईल और ईरान आमने-सामने आने से हालात और बिगड़ सकते हैं।
नेतन्याहू सरकार का दावा है कि इसराईल अधिकृत गोलन हाइट्स में सीरिया से सटी सीमा पर उसके सैन्य ठिकानों पर अटैक किया गया, जिसमें 20 रॉकेट और मिसाइल दागे गए। वहीं, सीरिया ने इसराईल पर मिसाइल दागने का आरोप लगाया है।
ये हमला इसराईल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू के रूस दौरे के बीच हुआ है।बेंजामिन नेतन्याहू ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद कहा कि इसराईल को ईरान से अपनी सुरक्षा करने का पूरा हक है।
सीरिया की सरकारी मीडिया का दावा है कि दमिश्क की बाहरी सीमा पर हुए एक इसराईली हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। इसमें असद समर्थक गैर-सीरियाई लड़ाकों सहित आठ ईरानी नागरिक शामिल हैं।
बता दें कि सीरिया में विद्रोहियों के खिलाफ असद सरकार 2011 से हमले कर रही है।रूस और ईरान सीधे तौर पर असद सरकार का साथ दे रहे हैं।वहीं, अप्रैल में सीरिया में कथित केमिकल अटैक के जवाब में अमरीका ने अपने सहयोगी देशों ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई की।अमरीका ने टॉमहॉक मिसाइलों से सीरिया के कथित केमिकल ठिकानों को निशाना बनाया।
सीरिया की सेना ने दमिश्क के निकट एक जिले पर दागी गई 2 इसराईली मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है। सरकारी एजैंसी के मुताबिक इसराईल की ओर से किस्सवेह जिले पर दागी गई दो मिसाइलों को विमान रोधी सुरक्षा सिस्टम से मार गिराया गया है।