मध्य पूर्वी देश मिलजुल कर शांतिपूर्ण ढंग से मतभेदों का समाधान करें- ईरान

ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी ने कहा कि मध्य पूर्वी देशों को बाहरी शक्तियों पर निर्भर रहे बिना अपनी
समस्याओं को हल करना चाहिए। ये बात उन्होंने चबहार के दक्षिण-पूर्वी शहर में बंदरगाह के उद्घाटन के 
दौरान एक भाषण में कही । उन्होंने साथ ही ये भी कहा की पश्चिम एशिया में तनाव व लड़ाई की भूमि
धीरे -धीरे कम होती जा रही है। यहां तक कि यमन के दलदल में फंस जाने वाले सऊद अरब ने भी 
यमन के पूर्व राष्ट्रपति के साथ वार्ता का स्वागत किया और वह प्रतिष्ठित ढंग से वर्तमान स्थिति से 
निकलने की चेष्टा में है। लेबनान संकट के संबंध में भी सऊदी अरब पीछे हट गया और लेबनान के 
प्रधानमंत्री के त्याग पत्र ने देने से व्यवहारिक रूप से इस देश में संकट नियंत्रित हो गया। इसी मध्य 
कतर के विदेशमंत्री ने कुछ क्षेत्रीय मतभेदों की ओर संकेत करते हुए कहा है कि वार्ता और कूटनयिक ढंग 
से मतभेदों का समाधान किया जाना चाहिये।

क्षेत्रीय देशों के मध्य मतभेदों के गहन होने से पहले ही तेहरान ने सुझाव दिया था कि वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिये। रोचक बात यह है कि अब सऊदी अरब भी इस बात का समर्थन कर रहा है कि इस्लामी देशों के लिए बेहतर यही है कि वे वार्ता द्वारा अपने मध्य मतभेदों के समाधान का प्रयास करें जबकि एक वह समय था जब ईरान से टकराने के लिए आले सऊद ने पूरा प्रयास किया।

ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने एकता सप्ताह की ओर संकेत किया और क्षेत्र में जारी मतभेदों की समाप्ति पर बल देते हुए कहा है कि यह वह संदेश है कि अगर क्षेत्रीय खिलाड़ियों की ओर से इसे सुना जाये तो क्षेत्र में अतिवादी गुटों को नियंत्रित करने की शक्ति संभवतः अधिक होगी और क्षेत्रीय देशों के मध्य सहकारिकता और इस्लामी देशों के एक वैश्विक शक्ति में परिवर्तित होने की भूमि प्रशस्त हो जायेगी।