तेहरान : अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ ने अपने यूरोपिए यूनियन के सहयोगियों के मजबूत विरोध के बावजूद परमाणु समझौते से वाशिंगटन के एकतरफा निकास के बाद बताया कि ईरान पर नई अमेरिकी रणनीति पर विचार किया जा रहा है।
इस्लामी क्रांतिकारी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के कमांडर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ द्वारा की गई बातें को खारिज कर दिया है और कहा है कि ईरानी लोग अमेरिकी अधिकारी के “मुंह पर जोरदार घुसा” देंगे।
यह बयान एक दिन बाद आया जब पोम्पेओ ने “डील के बाद एक नई ईरान रणनीति” नामक एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने वादा किया था कि अमेरिका “इतिहास में सबसे मजबूत” प्रतिबंधों के माध्यम से तेहरान पर अभूतपूर्व वित्तीय दबाव लागू करेगा। यह बताते हुए कि वाशिंगटन ऐतिहासिक ईरान परमाणु समझौते पर फिर से बातचीत नहीं करेगा, उन्होंने सीरिया से बलों को वापस लेने सहित तेहरान के लिए 12 मांगों को भी रेखांकित किया।
अमरीका के विदेश मंत्री के तौर पर विदेश नीति को लेकर अपने पहले अहम भाषण में पॉम्पियो ने इस्लामिक गणतंत्र से निपटने के लिए ‘प्लान बी’ की घोषणा की. उन्होंने ईरान से “नई डील” के लिए 12 शर्तें रखीं. इन शर्तों में सीरिया से अपनी फ़ौज को वापस बुलाना और यमन में विद्रोहियों का समर्थन न करना शामिल है.
अन्य प्रमुख शर्तें इस तरह से हैं:
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को अपने पूर्व न्यूक्लियर मिलिट्री प्रोग्राम की पूरी जानकारी देना और इस काम को हमेशा के लिए छोड़ देना.
अपने पड़ोसी देशों के प्रति “धमकी देने वाला व्यवहार” बंद करना. इसमें इज़रायल को तबाह करने और सऊदी अरब व यूएई पर मिसाइल छोड़ने की धमकियां भी शामिल हैं.
झूठे आरोपों में पकड़े गए या ईरान में खोए हुए अमरीका और उसके सहयोगी देशों के नागरिकों को छोड़ना.
पॉम्पियो ने कहा कि ईरान को प्रतिबंधों से राहत तब मिलेगी जब अमरीका उसमें वाकई में कोई बदलाव देखेगा.
उन्होंने कहा, ”हम ईरानी प्रशासन पर कड़ा वित्तीय दबाव बनाएंगे. तेहरान के नेताओं को हमारी गंभीरता पर कोई संदेह नहीं रहेगा.”
”ईरान के पास मध्य पूर्व पर हावी होने के लिए दोबारा कभी असीमित ताकत नहीं होगी.”
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