पाक-अफगान के शियाओं को ईरान का ऑफर, कहा- सीरिया से लड़ो तो मिलेंगे 600 डॉलर

नई दिल्ली : ईरान ने सीरिया से लड़ने के लिए अब एक नया तरीका अपनाया है, सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना से लड़ने के लिए ईरान ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हजारों शिया मुस्लिमों का समर्थन मांगा है। ईरान ने शिया मुसलमानों की भर्ती शुरू कर दी है। दिलचस्प बात यह है कि ईरान ने बाकायदा युवाओं को लौटने पर घर, 600 डॉलर (करीब 39 हजार रुपये) मासिक वेतन के साथ देश में ही नौकरी देने का लुभावना ऑफर दिया है।

ईरान के बड़े लीडर अयातुल्ला खुमैनी ने भी इन लड़ाकों की तारीफ की है। दोनों देशों के आतंकवाद विरोधी अधिकारियों ने लड़ाई के बाद होने वाली तबाही पर भी चिंता जाहिर की है। हालांकि, अधिकारियों ने इस बात को लेकर आशंका जताई कि जब ये लड़ाके अपने देश लौटेंगे तो अशांति की स्थिति पैदा हो सकती है, क्योंकि दोनों ही देश पहले से बड़े स्तर पर आतंकियों से लड़ रहे हैं।

वही खुरासान एक प्राचीन नाम है जिसके तहत ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और मध्य एशिया का क्षेत्र आता है। अमीर तौमज ने आगे कहा कि अफगानिस्तान के शिया काफी खौफ में जी रहे हैं। तौमज ने बताया कि पिछले शुक्रवार को काबुल की शिया मस्जिद और इब्राहिम खलील मस्जिद में नमाज पढ़ने आए लोगों की तादाद पहले के मुकाबले कम थी। खबरों के मुताबिक काबुल के एक शिया रेस्टोरेंट के मालिक ने ईरान सरकार से अपील करते हुए कहा है कि अफगान शियाओं को लड़ने के लिए सीरिया ना भेजें क्योंकि तब इस्लामिक स्टेट सीधे तौर पर शियाओं पर हमले करने लगेगा।