IS का हिंदुस्तान में भी नेटवर्क :माजिद

सीरिया और इराक के इंतेहापसंद तंज़ीम आईएसआईएस के लिए लडने वाले आरिब माजिद ने कबूल किया है कि आईएस से जुडने से पहले तो वह इसके नज़रिया से काफी मुतास्सिर था, उसमें शामिल होने के बाद इससे मायूस हो गया। क़ौमी जांच एजेंसी (एनआईए) की पूछताछ में माजिद ने बताया कि उसे टॉयलेट साफ करने का भी काम दिया गया था। उसने कहा कि अभी भी करीब 13 हिंदुस्तानी आईएस के लिए लड रहे हैं।

माजिद का नार्को टेस्ट और लाई-डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए एनआईए कोर्ट में दरखास्त देने की तैयारी में है। इनसे कई खुलासे हो सकते हैं। माजिद ने बताया कि आईएस की ओर से लडने वालों में और भी कई हिंदुस्तानी शामिल हैं, जिनकी तादाद 13 हो सकती है। माजिद के साथ उसके तीन दोस्त भी आईएस में शामिल होने ईराक गए थे, जो अभी तक लौट कर नहीं आए हैं। माजिद ने भी अभी तक इनके बारे में कोई खास इत्तेला नहीं दी है। शक है कि ईराक से लापता हुए 39 हिंदुस्तानी भी आईएस की गिरफ्त में हो सकते हैं।

माजिद की मानें तो हिंदुस्तान में भी आईएस का लंबा नेटवर्क फैला हुआ है, जिसके जरिए नौजवानों का ब्रेनवॉश कर उन्हें आईएस में शामिल होने के लिए उकसाया जाता है। उसने बताया कि स्टूडेंट्स को आईएस से जोडने के लिए एक ग्रुप सरगर्म है, जिसने कई स्टूडेंट्स से राबिता किया था, लेकिन इराक जाने के लिए सिर्फ चार ही राजी हुए। इसके बाद कल्याण के ही रहने वाले एक शख्स ने चारों के इराक जाने का इंतेज़ाम किया। जांच दल अब इस नेटवर्क तक पहुंचना चाह रहा है।

पूछताछ में माजिद ने खुलासा किया कि वहां कोई मुत्तकी जंग नहीं हो रही है| आईएसआईएस के लडाके ख्वातीन से बलात्कार करते हैं। लडाई के बारे में उसने बताया कि लडने के बजाय उससे टायलेट साफ कराए गए और पानी पिलाने का काम लिया जाता था। वहां से निराश होने के बारे में माजिद ने बताया कि गोली लगने के बाद वह जख्मी हो गया, लेकिन तीन दिन तक उसका इलाज नहीं कराया गया। वह गिडगिडाया तब जाकर उसे अस्पताल में शरीक कराया गया।

गिरफ्तारी के बाद से ही सोशल मीडिया पर माजिद की कई तस्वीरें देखी जा रही हैं। मगर कोर्ट में जब पुलिस ने उसके चेहरे से काला नकाब हटाया तो माजिद सभी तस्वीरों से अलग ही दिख रहा था। माजिद ने जांच में बताया कि आईएस में जाने के बाद कुछ दिनों तक तो उसे और उसके बाकी दोस्तों को एक साथ ही बेसिक ट्रेनिंग दी गई, जिसमें एके-47 व हथगोले के साथ कुछ दिगर हथियार चलाना सिखाया गया। इसके बाद तालीमी काबलियत की बुनियाद पर सभी दोस्तों को अलग कर दिया गया।

सिविल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट माजिद को आईएस के लिए इमारतों व दिगर तामीर निर्माण करने का काम सौंपा गया था। अब माजिद की वतन वापसी के बाद उसके साथ गए बाकी तीन दोस्तों के परिजनों में भी एक उम्मीद जागी है। एक दोस्त के वालिद ने माजिद के वालिद से राबिता करने की कोशिश भी की। उन्हें उम्मीद है कि बेटा घर वापस आएगा। माजिद के दोस्तों शहीम टांकी, फहाद शेख और अमन टंडेल के घर वालों उससे पूछना चाह रहे थे कि उनका बेटा कैसा है, मगर पुलिस कस्टडी की वजह से वे मजीद से राबिता नहीं कर सके।