बॉम्बे डाइंग बोर्ड से बाहर हुए इशांत हुसैन

नई दिल्‍ली : इशांत हुसैन टाटा दिग्गजों में से एक हैं जिन्होंने समूह में अपने 36 साल के कार्यकाल के दौरान चार अध्यक्षों के साथ मिलकर काम किया है – जेआरडी टाटा, रतन टाटा, साइरस मिस्त्री और एन चंद्रशेखरन।

वही टाटा संस के डायरेक्‍टर इशांत हुसैन ने नुस्‍ली वाडिया की बॉम्‍बे डाइंग बोर्ड से खुद को अलग कर लिया है। बॉम्‍बे डाइंग ने रेग्‍यूलेटरी को फाइलिंग में बताया है कि कंपनी के इंडेपेंडेंट डायरेक्‍टर इशांत हुसैन को 70 साल की उम्र की वजह से बोर्ड से अलग कर दिया गया है। बोर्ड संविधान के मुताबिक 70 साल की उम्र तक कोई भी शख्‍स एक्टिव रह सकता है।

फाइलिंग में उन्‍होंने कहा, नतीजन वह अब कंपनी के ऑडिट कमिटी के चेयरमैन भी नहीं रहे। टाटा संस और तात्‍कालिन चेयरमैन साइरस मिस्‍त्री के बीच हुई लड़ाई में वाडिया ने हुसैन का समर्थन किया था।

हुसैन टाटा संस के बोर्ड में 1 जुलाई, 1999 को एग्जिक्युटिव डायरेक्टर के तौर पर शामिल हुए थे। वह 28 जुलाई, 2000 से टाटा संस लि. के फाइनैंस डायरेक्टर के पद पर थे। टाटा संस जॉइन करने से पहले हुसैन करीब 10 सालों तक टाटा स्टील में वाइस प्रेजिडेंट और एग्जिक्युटिव डायरेक्टर-फाइनैंस रहे हैं।

टाटा संस लि.के बोर्ड में शामिल होने के अलावा वह वोल्टास लि. और टाटा स्काई लि. के चेयरमैन हैं। वह टाटा ग्रुप की कई कंपनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा टेलिसर्विसेज, टाइटन इंडस्ट्रीज लि. के बोर्ड में शामिल हैं।