मुंबई: ISIS इस्लाम दुश्मन संगठन है, वह इस्लाम दुश्मन गतिविधियों में शामिल है तथा उसके तार इस्राइल से जुड़े हुए हैं, मुस्लिम युवाओं को जागरूक करवाना समय की ज़ररूत है और वह इससे दूरी अपनाने के साथ वेबसाइटों और सोशल मीडिया पर भी मुस्लिम युवा किसी साजिश का शिकार न हों। उनके विचार व्यक्त यहां जमियत उलेमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपने मुंबई दौरे के दौरान किया।
जमीयत के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में वह साउथ अफ्रीका के दौरे पर थे इस दौरान उनकी मुलाकात कुछ मुस्लिम युवकों से हुई जो आईएस से प्रभावित होकर शाम गए थे, बातचीत के दौरान उन युवकों ने एक आश्चर्य की बात यह बताई कि किसी भी हमले में घायल होने वाले आईएस के युवाओं का इलाज इस्राइल के सरकारी अस्पतालों में होता है और इस्राइल उनका भरपूर वित्तीय सहायता भी करता है।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आईएस इस्लाम की आड़ में पूरी दुनिया में हत्या, मारधाड़ करके इस्लाम को बदनाम करने और गैर इस्लामी कार्य कर रही है जिससे वैश्विक स्तर पर इस्लाम की छवि खराब हो रही है इसलिए अब यह हमारी जिम्मेदारी हो गई है कि आईएस का असलियत से जनता को जागरूक किया जाए और खासकर मुस्लिम युवाओं को इससे दूर रहने की हिदायत की जाए।
मौजूदा हालात के मामलों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि देश में सांप्रदायिक हिंसा में चिंताजनक गति से बढ़ रही है, जहरीला भाषणों का सिलसिला नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है और मीडिया के एक हिस्से पे आमादा ऐसे नॉन इशुज़ को पूरी ताकत और अतिशयोक्ति के साथ उठाने की कोशिश में लगा हुआ है, जिनमें से कुछ समुदायों के खिलाफ नफरत की आग भड़क रही है और यह स्थिति हमारे समाज को प्रभावित कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि विभिन्न समुदायों और वर्गों के बीच आपसी विश्वास आहत हो रहा है और सामाजिक ताने-बाने के विनाश की आशंका पैदा होने लगा है इसलिए जरूरी है कि देश के सभी निवासियों के बीच मानवीय भाईचारे के संबंध स्थापित किए जाएं और एक अधिकार सम्मान की भावना उत्पन्न हो।