‘ISIS’ मिल्लते इस्लामिया के सामने इस्लाम की 14 सो साला इतिहास में सबसे बड़ी चुनौती: महमूद मदनी

नई दिल्ली: जमीअत उलेमाए हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उस्मान मंसूरपूरी के निमंत्रण पर दिल्ली के होटल आईटीसी मोर्य कमल महल में ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, प्रधानमंत्री भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा एडवाइजर अजीत डोभाल सहित भारत सरकार के मंत्रियों समेत विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेताओं, समेत कई देशों के राजनयिक, विभिन्न पंथों के उलमा और दानिश्वर आदि ने शिरकत की.

जमीयत उलेमा हिंद की ओर से आयोजित इस समारोह में सम्मानित हस्तियों की भागीदारी का स्वागत करते हुए मौलाना महमुद मदनी महासचिव जमीअत उलेमाए हिंद ने कहा कि यह अवसर बधाई देने और खुशी का है लेकिन विश्व स्तर पर और देश में जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए हिंसक चिंता व्यक्त और उस पर सोचना हमारे लिए आवश्यक हो गया है. उन्होंने कहा कि जमीअत उलेमा हिंद की एक विशेषता है कि उसने आतंकवाद का हमेशा विरोध किया है,  यह खुसूसियत वास्तव में इस्लाम की है कि उसकी निगाह में बेकसूरों को मारना, अत्याचार करने और दंगा फैलाने का अपराध महान है, जमीअत उलेमा इस्लाम के वास्तविक संदेश की प्रतिनिधि करते हुए अत्याचार और अन्याय से लड़ती रही है, ज़ुल्म चाहे किसी की ओर से किया जाए उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और अगर अत्याचार इस्लाम जैसे शांतिपूर्ण धर्म के नाम पर क्या जाए तो उसकी बदबख़्ती दोहरी हो जाती है।

मौलाना मदनी ने आइएस का नाम लेकर कहा कि इस्लाम की चौदह सौ साल कि तारीख में दृढ़तापूर्वक इस से बड़ा कोई और चैलेन्ज नहीं. उन्होंने आईएस को सबसे खराब लोगों की जमात बताते हुए अपने दुख व्यक्त किया कि इस्लाम और मुसलमानों के सीने में खंजर घोंपा जा रहा है, मौलाना मदनी ने कहा कि जमीअत उलेमा हिंद, भारत में ऐसी पार्टियों को कभी जमने नहीं देगी और आतंकवाद के खिलाफ हर संभव संघर्ष करेंगे।