एनआईए के स्पेशल कोर्ट ने केरल से आईएसआईएस में शामिल होने के लिए छोड़े गए युवाओं की संपत्ति को जब्त करने के लिए राजस्व अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
केरल के थ्रिककरिपपुर गांव अधिकारी को भी नोटिस जारी किया और आरोपी की संपत्ति का अनुमान लगाने का निर्देश है । साथ ही एनआईए अदालत ने आरोपी से 13 जुलाई तक अदालत में उपस्थित होने को कहा है।
केरल में प्रतिबंधित इस्लामी छात्र संगठन सिमी के गुप्त शिविर का आयोजन करने वाले 35 लोगों में से 18 को बाद में कई आतंकवादी हमलों में शामिल पाया गया जिन्हें बाद में एनआईए अदालत ने आईएसआईएस ज्वाइन करने का दोषी ठहराया।
इस मामले में 38 आरोपी थे, लेकिन मुख्य आरोपी वासीक बिल्ला समेत दो फरार हैं जबकि 2016 में भोपाल सेंट्रल जेल से बचने की कोशिश करते हुए एक अन्य आरोपी मेहबूब मलिक को गोली मार दी गई थी।
कोच्चि में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने दिल्ली, अहमदाबाद, भोपाल और बेंगलुरू में विभिन्न जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के बाद 18 लोगों को दोषी ठहराते हुए 17 अन्य लोगों को बरी कर दिया था।
सिमी और आईएसआईएस का एक गुप्त शिविर 2007 से केरल के इडुक्की जिले में थांगलपारा में चलाया जा रहा था। कई आतंकवादी मामलों में यह संगठन जिम्मेदार था और बताया जाता है कि इंडियन मुजाहिदीन जैसे संगठन का जन्म इसी शिविर हुआ।