ISIS से आरिब मज़ीद के ताल्लुकात

तुर्की से हिंदुस्तान लाए गए आरिब मज़ीद के बारे में क़ौमी जांच एजेंसी (एनआईए) ने अमेरिका समेत कई मुल्को से मालूमात मांगी हैं. मुंबई के पास कल्याण के रहने वाला 23 साला आरिब इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए इराक गया था. आरिब की ओर से एक मेल मध्य प्रदेश के एक शख्स को भेजा गया था. समझा जाता है कि इसी शख्स ने आरिब को आईएसआईएस में शामिल होने के लिए गैर मुल्क भेजने का खर्च उठाया था.

ज़राये के मुताबिक एमएलएटी के तहत साइबर सबूत फराहम कराने के लिए अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के ओहदेदारों से एनआईए ने राबिता कायम किया है.आरिब के बयानों पर जांच एजेंसियों को शुरू से ही शक है. इसीलिए अब दूसरे मुल्कों से मालूमात जुटाई जा रही है. आरिब ने दावा किया था कि उसने आईएसआईएस में रहने के दौरान कभी किसी दहशतगर्दाना सरगर्मियों में हिस्सा नहीं लिया था.

साइबर दहशतगर्द से जुड़े मामलों में अमेरिका दूसरे मुल्को की हमेशा मदद करता आया है. अमेरिका आरिब की ओर से इस्तेमाल किए गए इंटरनेट प्रोटोकॉल से जुड़े इब्तिदायी सबूत पहले ही हिंदुस्तान को सौंप चुका है. इसमें उस मेल के बारे में भी इत्तेला है जो आरिब ने मध्य प्रदेश के एक शख्स को भेजा था. समझा जाता है कि इसी शख्स ने आरिब को आईएसआईएस में शामिल होने के लिए गैर मुल्क भेजने का खर्च उठाया था.

ज़राये के मुताबिक एनआईए केस को मज़बूत बनाने के लिए इराक और सीरिया को भी खत भेज सकता है. आरिब के पासपोर्ट में एंट्री के तौर पर इराक और वापसी के तौर पर सीरिया का हवाला दिया गया है.