शिफा ने LBA की मांग को बताया शर्मनाक, कहा- मैने अपनी मर्ज़ी से इस्लाम अपनाया

इस्लाम धर्म अपनाने वाली और लद्दाख़ के कश्मीरी मुस्लिम युवक से शादी करने वाली बौद्ध युवती स्टैनज़िन सेल्डोन ने कहा कि उनके व्यक्तिगत फैसले को सियासी रंग दिया गया।

शिफा ने मंगलवार को द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि “अपनी स्वतंत्र इच्छा और सहमति” के तहत उनके मुस्लिम युवक से शादी करने के व्यक्तिगत फैसले का इस्तेमाल लद्दाख़ में सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए किया जा रहा है।

30 वर्षीय शिफा ने कहा, “लद्दाख में बौद्धों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक राजनीतिक संगठन लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन (एलबीए) ने ग़लत दावा किया है कि मेरे पति सईद मुर्तजा आग़ा के प्यार ने मुझे इस्लाम को स्वीकार करने के लिए प्रलोभित किया है।”

बता दें कि शिफा ने 2015 में इस्लाम धर्म अपनाया और 7 जुलाई, 2016 को एक 32 वर्षीय इंजीनियर सईद मुर्तजा आग़ा से शादी कर ली।

शिफा ने कहा, “मैंने पांच साल पहले मुसलमान बनने का फैसला किया था और ऐसा इसलिए नहीं था क्योंकि मैंने उस धर्म को नापसंद किया था जिसमें मैं पैदा हुई थी। यह मेरी आध्यात्मिक खोज और विभिन्न धार्मिक विचारों में दिलचस्पी का नतीजा था। यह मुर्तज़ा से मिलने से बहुत पहले हुआ।

शिफा ने बताया कि 22 अप्रैल, 2016 को उन्होंने कर्नाटक की एक अदालत में हलफनामा दायर कर औपचारिक रूप से मुस्लिम धर्म को अपना लिया था।

शादी ने कश्मीर के लद्दाख में तनाव पैदा कर रखा है, एलबीए पूरे मुस्लिम समुदाय को धमकी दे रहा है कि वो “लड़की को वापस लाएं” या फिर इलाके को छोड़ दें। एलबीए ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को चिठ्ठी लिखकर विवाह को रद्द करने की मांग की है।

शिफा ने कहा, “मुझे वापस दिया जाना चाहिए, यह मांग करना शर्मनाक है, क्योंकि मुझे किसी ने चोरी नहीं किया है। मैं यहां अपनी मर्ज़ी से हूं।” शिफा ने आगे कहा कि उसके पति और पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए निशाना बनाया गया।