20 घंटे का रोज़ा, जहाँ न सूरज उगता है और न ही डूबता है

पवित्र माह रमजान चल रहा है। इसमें मुस्लिम रोजे रखते हैं। एक ऐसे देश जहां सूर्य कभी नहीं डूबता, वहां रोजे कैसे रखे जाते होंगे? जी हां, आर्कटिक महाद्वीप में रहने वाले मुसलमानों के लिए रमजान के पवित्र दिनों में रोजे रखना सबसे बड़ी चुनौती है।

वजह यह कि यहां सूर्य का प्रकाश लगभग 24 घंटे दिखाई देता रहता है। आर्कटिक सर्कल के क्षेत्रों में रहने वाले मुसलमानों के लिए उपवास के घंटे को नियंत्रित करने के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं, जहां सूर्य हर दिन केवल कुछ घंटों के लिए डूबता है, जिससे मुसलमानों को प्रतिदिन 19 या 20 घंटों के लिए रोजा रखना पड़ता है।

रोजे के समय को समायोजित करने के लिए इस नॉर्डिक क्षेत्र में रहने वाले मुसलमानों के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किये जा रहे हैं। नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड, रूस और कनाडा जैसे देशों में में मुसलमानों के लिए रमजान की आवश्यकताओं को कम करने के लिए परिषद रमदान से पहले दिशा-निर्देश जारी करने के लिए तैयार है।

इस क्षेत्र में मुसलमानों को सूर्योदय और सूर्यास्त के सटीक क्षण का निर्धारण करने में मुश्किल समय हो सकता है, जहां अक्सर दिन के जैसा माहौल रहता है। चूंकि कोई निश्चित सूर्योदय या सूर्यास्त नहीं है, इसलिए स्वीडन के इस्लामिक एसोसिएशन के प्रवक्ता मोहम्मद खाराकी ने मुसलमानों को सूर्य को स्पष्ट रूप से देखने की सलाह दी है ताकि समय की पहचान की जा सके। रमजान माह ब्रिटेन में रहने वाले लोग दिन में 16 और 19 घंटे का रोजा रखते हैं।