नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाही जामा मस्जिद दिल्ली के इमाम अहमद बुखारी के बीच पत्र और राष्ट्रीय और मुसलमानों के मुद्दों पर मुलाक़ात की दरख्वास्त पर पीएमओ के माध्यम से देरी से जवाब देने का मामला सामने आने के बाद जमाते इस्लामी के अमीर मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने कहा कि एक उम्मत होने के नाते सब लोगों को प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की आज़ादी है।
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मगर जमाते इस्लामी इस बात के पक्ष में नहीं है कि मिल्ली मुद्दों पर प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत मुलाकातें हों। रोजनामा इंकलाब में छपे खबर के हवाले से मौलाना उमरी ने कहा कि इंकलाब में जो खबर छपी हुई है, उसके मुताबिक इमाम बुखारी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमें वह दलितों और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री से मुलाक़ात करना चाहते थे।