इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अल्पसंख्यक ड्रुज़ समुदाय के सांसदों के साथ यहूदी राष्ट्र राज्य कानून पर वार्ता की जिसको अदालत की चुनौती दी गई है। विरोधियों ने इस कानून को ‘नस्लवादी’ कहा है क्योंकि इसमें समानता और इजरायल के लोकतांत्रिक चरित्र का कोई जिक्र नहीं है।
गौरतलब है कि इजरायली संसद ने हाल ही संवैधानिक कानून पारित कर इज़राइल को ‘यहूदी राज्य’ घोषित कर दिया था और यह निर्धारित किया कि केवल यहूदियों का ही यहाँ अधिकार होगा।
इजरायल के 130,000 ड्रुज़ समुदाय के सदस्य हैं जो पुलिस और सेना में हैं, वे कानून की दृढ़ता से निंदा करते हैं। इजरायल के तथाकथित बुनियादी कानूनों का एक हिस्सा बन गया है, जो वास्तव में संविधान है। दो प्रमुख मंत्रियों ने ड्रुज़ से चिंताओं के जवाब में कानून में बदलाव की मांग की है।
नेतन्याहू ने इस मुद्दे पर ड्रुज़ सांसदों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि नेतन्याहू ने ड्रुज़ समुदाय के नेताओं के साथ एक और बैठक की योजना बनाई और बाद में ड्रूज को इजरायल की ‘गहन प्रतिबद्धता’ व्यक्त करने के लिए एक योजना विकसित की जाएगी।
कानून ने घर और अंतर्राष्ट्रीय आलोचना को जन्म दिया है। कानून के पारित होने पर फिलीस्तीनी नेतृत्व खत्म हो गया है।
फिलिस्तीन लिबरेशन संगठन के महासचिव साईब इरेकट ने पत्रकारों से कहा कि यह कानून दो राज्यीय समाधान की अवधारणा को रद्द करने और आधिकारिक तौर पर इसे एक राज्य, दो प्रणालियों को नस्लवाद के साथ बदलने के आधार पर पेश किया गया था।