सीरियाई विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इजरायल के “सीधा टकराव” की ओर बढ़ने का संकेत सीरिया के खिलाफ “आक्रामकता के नए चरण” की शुरुआत को इंगित करता है। सीरियाई समाचार एजेंसी सना ने मंत्रालय में एक अधिकारी का हवाला देते हुए कहा, “ज़ीयोनिस्ट इकाई द्वारा यह आक्रामक आचरण … इस क्षेत्र में तनाव में वृद्धि के अलावा कुछ भी नहीं कर सकेगा।” इस पर तेहरान से कोई तत्काल टिप्पणी नहीं हुई थी। सीरिया पर इजरायल के हवाई हमले ने कम से कम 23 सेनानियों की हत्या कर दी, जिसमें पांच सीरियाई सरकारी सैनिक और 18 अन्य सहयोगी सेनाएं शामिल थीं।
इससे पहले, इज़राइल रक्षा बलों ने कहा था कि इसके विमान ने सीरिया में कथित ईरानी पोस्टों पर हमला किया था, ईरानी रॉकेट के कथित बमबारी के जवाब में सीरियाई क्षेत्र पर रॉकेट दागा है।इसराइली डिफ़ेंस सर्विसेज़ ने कहा है कि इसके जवाब में उन्होंने सीरिया में ईरान के हथियारों के स्टोर, मिसाइल लांचर अड्डे और अन्य सैन्य ठिकानों पर बम गिराए हैं.
इज़राइल और ईरान के बीच तनाव हाल ही में बढ़ रहा है, क्योंकि तेल अवीव कहते हैं कि तेहरान, दमिश्क के प्रमुख सहयोगी सीरिया में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। आईडीएफ के प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस के मुताबिक, इजरायली सेना ने सीरिया पर योजनाबद्ध हवाई हमलों के रूस को सूचित किया था।
गौरतलब है कि ईरान और रूस सीरिया का सहयोग है और ईरान वहां सैकड़ों सैनिक तैनात कर रखे हैं. दुसरी तरफ रूस सिरिया को एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया करवा रखा है जो कई मिसाइल को इंटरसेप्ट किया है, लेकिन रूप फिर भी इस मामले में चुपी साधे हुए है. कहीं ऐसा तो नहीं रूप सिरिया को अपने एयर डिफेंस सिस्टम S-400 के लिए टेस्टींग का मैदान बना रहा है. चूंकि S-400 अपना जलवा अमेरिकी गंठबंधन के हमले के दौरान भी दिखा चुका है और इस सिस्टम को खरीदने के लिए कई देश कतार में हैं जैसे मिश्र, भारत, ईरान और अन्य देश भी शामिल हैं यूरोपीय देशों को इस एयर डिफेंस सिस्टम पर किरकिरी बनी हुई है.