यूपी के देवबंद स्थित मुस्लिम शिक्षण संस्थान दारूल उलूम ने कहा है कि तीन तलाक का मुद्दा कुरान और हदीस से जुड़ा हुआ है। शरीयत में कोई भी दखलअंदाज़ी बर्दाश्त नही की जाएगी।
दारूल उलूम के मुताबिक, इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो फैसला लेगा, वह उसके साथ है। वहीं, मेरठ के शहर काजी ने कहा कि कुरान और हदीस से अलग कोई कानून नहीं बनना चाहिए।
वही दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम का कहना है कि इस मामले को लेकर वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ है। जैसा बोर्ड तय करेगा उस पर ही दारुल उलूम समर्थन करेगा।
शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को संसद में कानून बनाने के लिए कहा है। देशभर में उलेमाओं की जद्दोजहद रहेगी कि संसद में ऐसा कोई कानून न बनने पाए, जो कुरान और हदीस की रोशनी में न हो।
इस मामले में दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासमी नौमानी के हवाले से प्रवक्ता अशरफ उस्मानी का कहना है कि अभी तक दारुल उलूम के पास सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कोई कॉपी नहीं आई, लिहाजा इस मामले में कुछ भी बोलना न्यायसंगत नहीं होगा।