यूपी के कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा में चंदन गुप्ता की हत्या पर अब राजनीतिक माहौल गर्माने लगा है। संघ परिवार के संगठन, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने कासंगज हिंसा को हिंदुओं के खिलाफ साजिश बताकर मृतक चंदन गुप्ता को दादरी के अखलाक मामले से जोड़ते हुए शहीद के दर्जे की मांग की है। संगठन के सदस्यों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भी सौंपा है।
ज्ञापन में शहीद के दर्जे के साथ मुआवजे की रकम में बढ़ोतरी की मांग भी शामिल है। ज्ञापन में कहा गया है कि भारत में ‘हिंदुओं को शांत कराने के लिए’ एक साजिश रची गई थी। वहीं पूर्व समाजवादी पार्टी की सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने अखलाक के परिवार को मुआवजा में बड़ी रकम दी थी इसलिए उन्होंने चंदन के परिवार को मुआवजे की राशि की रकम 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की मांग की है।
साल 2015 में ग्रेटर नोएडा में स्थित दादरी में मोहम्मद अखलाक सैफी की बीफ खाने के शक में भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। उस वक्त की एसपी सरकार ने अखलाक के परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था लेकिन बाद में मुआवजे की राशि बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी थी। अखलाक के तीन भाइयों को 5-5 लाख रुपये दिए गए। इसके अलावा नोएडा में दो बेडरूम वाले चार फ्लैट, जो कि किसी भी सरकारी योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं, को मुख्यमंत्री के विवेकाधीन फंड से अखलाक के परिवार को दिया गया था।
ज्ञापन में कहा गया है, ‘पूर्व की सरकारों ने अखलाक को शहीद का दर्जा दिया। उस मानक से देखा जाए तो चंदन गुप्ता एक देशभक्त सेवक था। यह जरूरी है कि चंदन गुप्ता की मौत पर उसे शहीद का दर्जा मिले। उसके परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी के साथ सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए। साथ ही मृतक के परिजनों को मिलने वाली मुआवजों की राशि 20 लाख से 50 लाख रुपये की जाए।
इस ज्ञापन पर एसपी नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने भी प्रतिक्रिया दी। आजम खान ने कहा, ‘संघ परिवार के संगठन लोगों को भड़काने का काम करते हैं। अब हमेशा हर मुद्दे में मुस्लिमों को जोड़ा जाने लगा है या पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने की बात की जाती है तो मेरी सबसे अपील है कि या तो हम सभी को चीन भेज दिया जाए या हमारे वोटिंग अधिकार छीन लिए जाएं।’