दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल समेत अन्य स्मारकों को गोद देने की तैयारी है। पिछले वर्ष विश्व पर्यटन दिवस पर शुरू की गई एडॉप्ट ए हेरिटेज स्कीम में कंपनियों ने 60-70 स्मारकों को गोद लेने में रुचि दिखाई है। इनमें केंद्र सरकार द्वारा आइकोनिक टूरिस्ट साइट्स में चुना गया ताजमहल भी है। हालांकि, फतेहपुर सीकरी को गोद लेने को कोई कंपनी इच्छुक नहीं है। ताजनगरी आईं केंद्रीय पर्यटन सचिव रश्मि वर्मा ने प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी दी।
एडॉप्ट ए हेरिटेज स्कीम व्यावसायिक नहीं
रश्मि वर्मा ने बताया कि एडॉप्ट ए हेरिटेज स्कीम व्यावसायिक नहीं है। यह इसलिए है, जिससे कि स्मारकों पर ध्यान दिया जा सके। सरकार सब कुछ नहीं कर सकती है। हम इंडस्ट्री व प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से पार्किंग, सफाई व्यवस्था, लाइटिंग, ड्रिंकिंग वॉटर, टॉयलेट्स आदि की देखरेख करा सकते हैं। केंद्रीय पर्यटन सचिव ने बताया कि जिन स्मारकों को गोद लेने में कंपनियों ने रुचि दिखाई है, उनमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षित और गैर-संरक्षित स्मारक शामिल हैं। ताज को गोद लेने के लिए आइटीसी व जेएमआर समेत कई कंपनियों ने आवेदन किया है। जब उनसे यह पूछा गया कि गोद लेने के बाद कंपनियां स्मारकों के अंदर क्या काम करेंगी तो उन्होंने बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि कंपनियों को क्या काम सौंपा जाएगा। सरकार व एएसआइ काफी काम कर रहे हैं, जो काम बचेगा वह उन्हें दिया जाएगा।
अब ताज पर आकर ही खरीदनी होगी ई-टिकट
ताजमहल के दीदार को आने वाले पर्यटकों को अब ई-टिकट खरीदते समय सतर्कता बरतनी होगी। टिकट पर अब दिन के साथ ही तीन घंटे की वैधता अवधि प्रिंट करना शुरू कर दिया गया है। इस अवधि के बीतने के बाद ई-टिकट काम नहीं करेगी। इस स्थिति में अब पर्यटकों को ई-टिकट भी ताज पर पहुंचकर ही खरीदनी होगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने ताजमहल पर पर्यटकों के लिए टिकट बिक्री की दो व्यवस्थाएं कर रखी हैं। पर्यटक स्मारक के पूर्वी व पश्चिमी गेट पर स्थित टिकट विंडो से टिकट ले सकते हैं या फिर एएसआइ की वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर जाकर ई-टिकट की प्रीबुकिंग कर सकते हैं।
प्रीबुक ई-टिकट दो दिन के लिए वैध
संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा की घोषणा के अनुसार एएसआइ एक अप्रैल से ताज की टिकट विंडो पर मिलने वाली टिकटों पर तीन घंटे की समय अवधि अंकित करना शुरू करने जा रहा है। वहीं, 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए जीरो वैल्यू टिकट लेना अनिवार्य होगा। इससे स्मारक में एक निश्चित अवधि तक ही पर्यटक रुक सकेंगे। इसकी अभी तैयारी ही चल रही है, लेकिन ई-टिकट पर तीन घंटे की वैधता अवधि गुरुवार से प्रिंट करना शुरू कर दिया गया। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. भुवन विक्रम ने बताया कि प्रीबुक की जाने वाली ई-टिकट दो दिन के लिए वैध थी। इस पर तीन घंटे का स्लॉट प्रिंट करना शुरू कर दिया गया है। निर्धारित अवधि बीतने के बाद स्मारक में प्रवेश नहीं मिल पाएगा।