इस्लामाबाद: आज (सोमवार) को भारत और पाकिस्तान आमने सामने होंगे। लगभग 18 साल के बाद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में दोनों देश कुलभूषण जाधव मामले को लेकर अपनी-अपनी दलील पेश करेंगे। पाकिस्तान जहां जाधव को जासूसी के आरोप में मौत की सजा देने पर अड़ा है वहीं भारत उसे अमानवीय बता रहा है क्योंकि 18 बार अनुरोध के बावजूद जाधव को कानूनी सहायता देने से पाकिस्तान इन्कार कर चुका है।
न्यूज़ नेटवर समूह न्यूज़ 18 के अनुसार अंतरराष्ट्रीय कानून के एक विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तान 1999 में भारत की ओर से अपनी सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमान को मार गिराने का हवाला देकर आईसीजे के सामने क्षेत्राधिकार समस्या उठा सकता है। विमान को मार गिराने के मामले में भारत ने इस आधार पर अंतरराष्ट्रीय अदालत के अधिकार क्षेत्र को मानने से इंकार कर दिया था कि वह राष्ट्रमंडल देशों के बीच विवाद के मामलों की सुनवाई नहीं कर सकती।
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट अगर भारत के पक्ष में फैसला देता है, इसके बावजूद पाकिस्तान इस फैसले को ठुकरा सकता है। अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों में से कोई एक देश अपने वीटो शक्ति का उपयोग कर दे। मामला इससे पहले निकारागुआ बनाम अमेरिका के मामले में हो चुका है। यहां पाकिस्तान को चीन की मदद मिलनी लगभग तय ही मानी जा रही है। यानी अगर फैसला पाकिस्तान के खिलाफ आता है तो चीन वीटो शक्ति का उपयोग करके उसे बचा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र भारत में स्थित सूचना केंद्र ने यह जानकारी दी है कि कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगाने के लिए भारत की ओर से आईसीजे में दायर याचिका पर सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाएगा।