नई दिल्ली। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं के पीड़ितों के परिवार को कानूनी-मदद देने का ऐलान किया है।
जेआईएच के अध्यक्ष मौलाना सय्यद जलालुद्दीन उमरी ने कहा, “हम सांप्रदायिकता और मॉब लिंचिंग के खिलाफ सार्वजनिक पहल का समर्थन करते हैं। कोई भी सरकार लोकप्रिय और व्यापक सार्वजनिक राय को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती।”
दिल्ली में जेआईएच कार्यालय में मासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उमरी ने कहा, “सार्वजनिक राय के ज़रिए मॉब लिंचिंग की घटनाओं का सामना बखूबी किया जा सकता है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार पर दबाव भी बनाया जा सकता है।”
जेआईएच के महासचिव मुहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि संगठन ने कुछ राज्यों की पहचान कर ली है जहां मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं। इस मुद्दे से निपटने के लिए एक योजना भी तैयार की जा रही है। महासचिव ने बताया कि इस पहल में मॉब लिंचिंग पीड़ितों के लिए कानूनी सेल का गठन शामिल किया जाएगा।
उमरी ने कहा, “हालांकि प्रधान मंत्री ने मॉब लिंचिंग की निंदा की है, लेकिन इससे कुछ खास सुधार नज़र नहीं आया। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की।
बता दें कि पहले भी, जमात-ए-इस्लामी हिंद राज्य द्वारा अत्याचार, हिंसा या प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे लोगों की मदद करती रही है।