जमात रज़ा-ए-मुस्तफा सिखाएगी तलाक का सही तरीका, थाने-कचहरी से बचने की अपील

सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘इंस्टेंट ट्रिपल तलाक’ को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद बरेलवी सुन्नी मुसलमानों के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा ने मुसलमानों को शरिया कानून के प्रति जागरुक करने का फैसला किया है।

रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, “सर्वोच्च अदालत के तीन तलाक पर फैसले के बाद हम मदरसों से जुड़े मौलानाओं की एक बैठक कर रहे हैं। बैठक में इस बात पर चर्चा हो रही है कि आम मुसलमानों को जुमे की नमाज़ और अन्य धार्मिक जलसों के माध्यम से तलाक का सही तरीका बताया जाए।”

रजवी ने बताया कि ये कवायद लोगों में शरिया कानून के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए की जा रही है ताकि एक बार में तीन तलाक पर रोक लगायी जा सके। रजवी ने कहा कि उनका संगठन मुस्लिम महिलाओं से अपील करेगा कि वो अपने निजी मामले लेकर पुलिस या अदालत में न जाएं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को इंस्टेंट ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित करते हुए केंद्र सरकार से छह महीने में इसपर कानून बनाने को कहा था। पांच जजों की पीठ की अध्यक्षता देश के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर कर रहे थे। इस पीठ ने 3-2 के बहुमत से इंस्टेंट तलाक के खिलाफ फैसला दिया।