भोपाल के इक़बाल मैदान में मुस्लिम समाज का सम्मेलन हुआ, जिसमें तीन तलाक का मुद्दा छाया रहा, सम्मेलन में शामिल वक्ताओं ने कहा कि फासीवादी ताकतें देश की भुखमरी, बेरोजगारी जैसे मसलों पर से लोगों का ध्यान हटाना चाहती हैं इसलिए तीन तलाक और इस तरह के मामले उठाए जा रहे हैं। तीन तलाक के मसलों को उठाकर बीजेपी और संघ हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश में है जबकि ये मसला मुस्लिम समाज का बेहद निजी मसला है जिसे वो खुद हल करेगा।
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के शोबा-ए-दावत के सचिव डॉ. इकबाल मुल्ला ने कहा कि मुस्लिम मियां-बीवी को शरीयत की जानकारी देने के मकसद से हर जिले में काउंसलिंग सेंटर खोला जाएगा। उन्होंने वकीलों से कहा कि वो इन काउंसलिंग सेंटरों में अपनी सेवाएं प्रदान करें। तीन तलाक के मसलों पर वकीलों से चर्चा के दौरान डॉ इकबाल ने कहा कि इस्लाम ने कुरान और हदीस के माध्यम से मुस्लिम मर्द को तलाक का अधिकार दिया है और औरत को खुला का । उनका कहना था कि तलाक के मसले को सही तरीके से न समझने के कारण ही ये मामले सामने आ रहे हैं।
जमाअत-ए-इस्लामी के अध्यक्ष डॉ. शाहिद अली ने कहा कि इस्लाम, ईश्वर की ओर से तमाम इंसानों को दिया गया संविधान है और प्रत्येक मुस्लिम को चाहिए कि ईश्वर की ओर से दिए गए अंतिम ईश ग्रंथ को सभी इंसानों तक पहुंचाए, ताकि सभी को ये समझ आए कि हर इंसान को सिर्फ और सिर्फ ईश्वर के बताए तरीके पर जिंदगी गुजारनी चाहिए चाहे वो सामाजिक मसला हो या फिर पारिवारिक । जमाअत-ए-इस्लामी हिंद 23 अप्रैल से 07 मई तक पूरे देश में मुस्लिम पर्सनल लॉ जागरूकता मुहिम चलाई थी जिसका समापन भोपाल में हुआ है ।